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प्रमोद सिन्हा/खंडवा: सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के मामले में खंडवा प्रदेश में पहले स्थान पर है. राज्य शिक्षा केंद्र ने सितंबर अक्टूबर-नवंबर की तिमाही रिपोर्ट जारी की है, जिसमें खंडवा ए ग्रेड और 78.28% की रैंकिंग के साथ पहले स्थान पर है और धार जिला सबसे आखिरी पायदान पर है. पहली से आठवीं कक्षा तक सरकारी स्कूलों में पढ़ाई और बच्चों के शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र हर 3 महीने में यह रिपोर्ट जारी करता है. अब इसकी हकीकत जानने के लिए ज़ी मीडिया ने खंडवा के कुछ स्कूलों का जायजा लिया.
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दरअसल कोरोना महामारी के दौरान स्कूलों में शिक्षा का स्तर बहुत नीचे आ गया था. खासकर सरकारी स्कूलों का. जब वापस स्कूल लगना शुरू हुए तो राज्य शिक्षा केंद्र ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई प्रयोग किए. राज्य शिक्षा केंद्र ने लगभग 40 पैमानों की एक कार्य योजना बनाई और इसी आधार पर सरकारी स्कूलों कि हर 3 महीने में ग्रेडिंग की जाती है. सितंबर, अक्टूबर और नवंबर महीने के प्रदर्शन के आधार पर राज्य शिक्षा केंद्र ने तीसरी रिपोर्ट जारी की जिसमें खंडवा जिला प्रदेश में पहले पायदान पर है.
कमियां दूर करने की कोशिश
वहीं जब हमने खंडवा के कुछ सरकारी स्कूलों में जाकर सीधे बच्चों से बात की और इसकी हकीकत जानी तो हमने बच्चों का शैक्षणिक स्तर पहले से बेहतर पाया. हालांकि कुछ कमियां भी दिखी लेकिन अधिकारियों का कहना था कि इसे भी दूर करने के प्रयास जारी हैं.
40 पैरामीटर्स योजना लागू की
जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि पिछली तिमाही रिपोर्ट में खंडवा जिला प्रदेश में छठे में नंबर था. जब राज्य शिक्षा केंद्र ने लगभग 40 पैरामीटर्स की कार्य योजना लागू करने को दी तब इस कार्य योजना के आधार पर एक प्लान तैयार किया गया. इसी कार्य योजना के आधार पर उन्होंने शैक्षणिक स्टाफ की ट्रेनिंग पढ़ाई और सतत निगरानी के बल पर यह मुकाम हासिल किया.
टॉप 10 में ये जिले
राज्य स्कूल शिक्षा द्वारा मिशन अंकुर लॉचिंग कार्यक्रम में स्कूली शिक्षा की रिपोर्ट में खंडवा, छतरपुर, शहडोल, बालाघाट, पन्ना, सिवनी, जबलपुर, गुना, और बैतूल टॉप 10 बनाने में सफल हुए है.