तो क्या नरोत्तम मिश्रा से मानी करणी सेना? इन शर्तों पर खत्म किया आंदोलन, आरक्षण पर नहीं बनी बात
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तो क्या नरोत्तम मिश्रा से मानी करणी सेना? इन शर्तों पर खत्म किया आंदोलन, आरक्षण पर नहीं बनी बात

karni Sena Protest In Bhopal: करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर के नेतृत्व में भोपाल के जंबूरी मैदान में इकट्ठा हुए लाखों लोगो का आंदोलन खत्म (Karni Sena News) हो गया. आपको बता दें कि मप्र की सरकार (Shivraj Government) ने करणी सेना की 18 मांगों को मान लिया है. कल नरोत्तम मिश्रा ने कहा था वह हमारे अपने हैं कोई गैर नहीं, हम भाईयों में आपस में कोई बैर नहीं है.

तो क्या नरोत्तम मिश्रा से मानी करणी सेना? इन शर्तों पर खत्म किया आंदोलन, आरक्षण पर नहीं बनी बात

Bhopal News: बीती 8 जनवरी से मध्य प्रदेश (MP News) की राजधानी भोपाल में आंदोलन कर रही करणी सेना ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया (Karni Sena movement over in bhopal)है. आपको बता दें करणी सेना की कुल 22 सूत्रीय मांगे थी जिसमें 18 सूत्रीय मांगो को सरकार ने मान लिया है और शिवराज सरकार (Shivraj Government) के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने करणी सेना प्रमुख को जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया. इसके लिए तीन अफसरों की कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी का अध्यक्ष सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस को बनाया गया है. 

इन मांगो पर नहीं बन पाई कोई सहमति
इस कमेटी को दो महीने के अंदर 18 सूत्रीय मांग को सौंपने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा आपको बता दें कि आरक्षण सहित 4 चार मांगों पर कोई भी सहमति नहीं बन पाई है. करणी सेना ने की 22 सूत्रीय मांगों में 4 सूत्रीय मांगो पर कोई भी सहमति नहीं बन पाई है ये मांगे है.

मांग -1
आरक्षण के आधार को आर्थिक किया जाए ताकि समाज के हर वर्ग के गरीबों को आरक्षण का लाभ मिल सके. एक बार आरक्षण मिलने पर दोबारा आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाए.
मांग - 2
SC, ST एक्ट की तरह सामान्य-पिछड़ा एक्ट बनाया जाए जो सामान्य-पिछड़ा वर्ग के हितों की रक्षा करे और कानूनी सहायता प्रदान करे.
मांग - 3
खाने - पीने की और जरूरत की चीजों को GST से मुक्त किया जाए और बढ़ती हुई महंगाई पर लगाम लगाई जाए.
मांग - 4
SC, ST एक्ट में बिना जाँच किए गिरफ्तारी न की जाए. ऐसा करने से किसी भी निर्दोष व्यक्ति को सजा नहीं मिलेगी. 
बता दें कि इन चार मांगों पर सरकार और करणी सेना की कोई भी सहमति नहीं बन पाई है. सरकार का कहना है कि ये चार मांगे केंद्र सरकार के अधीन है जिसके चलते चार दिन से बात नहीं बन पा रही थी. इसके अलावा सरकार ने 18 मांगों को मानते हुए रिपोर्ट बनाने के लिए कमेटी का गठन किया है.

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8 तारीख से चल रहा था धरना 
करणी सेना भोपाल में बीते 8 जनवरी से धरना प्रदर्शन कर रही थी. करणी सेना परिवार मांगे न मानने के पहले एमपी नगर की तरफ बढ़ी तो प्रशासन ने उसे महात्मा गांधी चौराहे पर रोक लिया जिसके बाद बिना अनुमति के लोग वहीं प्रदर्शन करने लगे. इसमें करणी सेना प्रमुख सहित पांच लोगों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया और यहां पर देखते ही देखते भारी संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई थी. जिसके चलते महात्मा गांधी चौराहे से अवधपुरी तिराहे तक रास्ता बंद था. इससे अवधपुरी और आसपास की 2 लाख की आबादी परेशान थी.उन्हें डायवर्टेड रूट से लंबा चक्कर लगाकर आना-जाना पड़ रहा था. इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. जिसको देखते हुए सरकार और करणी सेना की सहमति बन गई और मप्र सरकार के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर को जूस पिलाकर अनशन खत्म कराया.

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