शाजापुर के जिला चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं के इलाज में लापरवाही और परिजनों द्वारा अस्पताल स्टाफ पर पैसे मांगने के आरोप लगातार सामने आ रहे हैं. हाल ही में शाजापुर में जिला चिकित्सालय की लापरवाही से एक प्रसूता के नवजात बच्चे की मौत हो गई.
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मनोज जैन/शाजापुर: मध्य प्रदेश के शाजापुर के जिला चिकित्सालय में गर्भवती महिलाओं के इलाज में लापरवाही और परिजनों द्वारा अस्पताल स्टाफ पर पैसे मांगने के आरोप लगातार सामने आ रहे हैं. हाल ही में शाजापुर में जिला चिकित्सालय की लापरवाही से एक प्रसूता के नवजात बच्चे की मौत हो गई.
महिला के परिवार का आरोप है कि वह डिलीवरी के लिए महिला को अस्पताल लेकर आए थे. पांच दिन तक वह भर्ती रही, लेकिन किसी डॉक्टर या अन्य स्टाफ ने उसपर ध्यान नहीं दिया. उसकी खुद ही डिलीवरी हो गई और उसके बाद भी किसी ने बच्चे और प्रसूता का उपचार नहीं किया, जिससे उसके बच्चे की मौत हो गई.
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राजगढ़ जिले से शाजापुर में छापीहेड़ा की पदमबाई ने बताया वह अपनी बेटी अनिता को रविवार शाम को जिला चिकित्सालय में लेकर आई थी. जहां किसी ने उसपर ध्यान नहीं दिया और उसकी डिलीवरी अपने आप हो गई. डिलीवरी के बाद उपचार न मिलने से बच्चे की भी मौत हो गई. अनिता पांच दिन से अस्पताल में है और बच्चे की मौत के बाद से उसका ब्लडप्रेशर बढ़ रहा है. वह कमजोरी के चलते बीमार है लेकिन उसे किसी भी महिला डाक्टर ने नहीं देखा.
सिविल सर्जन को की शिकायत
जब अन्य मरीज के परिजनों को इस बात की जानकारी लगी, तो उन्होंने सिविल सर्जन बी एस मैना को बुलाया और पूरे मामले की शिकायत की. जिसके बाद सिविल सर्जन ने महिला डॉक्टर को बुलाया और उसके बाद प्रसुता को देखा गया.
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