OBC आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार का बड़ा कदम! इन नेताओं को दी गई अहम जिम्मेदारी
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OBC आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार का बड़ा कदम! इन नेताओं को दी गई अहम जिम्मेदारी

17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई होनी है.

OBC आरक्षण को लेकर शिवराज सरकार का बड़ा कदम! इन नेताओं को दी गई अहम जिम्मेदारी

नई दिल्लीः ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार काफी गंभीर दिखाई दे रही है. हाल ही में शिवराज सरकार ने राज्य में ओबीसी वर्ग के लोगों की गिनती कराई थी. अब सरकार ने एक समिति का गठन किया है. यह समिति राज्य के पिछड़ा कल्याण आयोग की सिफारिशों का परीक्षण करेगी और उसे कैबिनेट के सामने रखेगी. बता दें कि इस समिति में शिवराज सरकार के पांच मंत्रियों को सदस्य बनाया गया है. ये सभी सदस्य पिछड़ा वर्ग से ही ताल्लुक रखते हैं.

इन नेताओं को मिली जगह
बता दें कि सरकार द्वारा गठित समिति में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भारत सिंह कुशवाहा, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल को सदस्य हैं. ये समिति पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को विधानसभा से पहले कैबिनेट मीटिंग में रखेगी. 

बता दें कि 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सुनवाई होनी है. ऐसे में सरकार की इस पूरी कवायद को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर पेंच फंसा हुआ है. इसके चलते राज्य के पंचायत चुनाव भी निरस्त हो गए हैं. सरकार की कोशिश है कि ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत चुनाव कराए जाएं.

गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट की शर्तों को पूरा करना जरूरी है. इसके तहत राज्य में पिछड़ा वर्ग आयोग होना चाहिए. आयोग के पास राज्य के पिछड़े वर्ग का आर्थिक, सामाजिक डाटा होना चाहिए, जिसके आधार पर ओबीसी आरक्षण की सीमा तय की जा सके और यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि आरक्षण की कुल सीमा 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. 

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