राहत की खबरः ओमिक्रोन में जल्दी ठीक हो रहे मरीज, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर?
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राहत की खबरः ओमिक्रोन में जल्दी ठीक हो रहे मरीज, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर?

ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ इंसानी शरीर में जल्दी एंटीबॉडी बन रही हैं, जिसके चलते मरीज गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं. 

राहत की खबरः ओमिक्रोन में जल्दी ठीक हो रहे मरीज, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर?

नई दिल्लीः देश में ओमिक्रोन वैरिएंट के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है लेकिन राहत की बात ये है कि अभी तक के अध्ययनों में पता चला है कि ओमिक्रोन वैरिएंट ज्यादा खतरनाक नहीं है और इससे संक्रमित मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका में जहां ओमिक्रोन वैरिएंट के बारे में सबसे पहले पता चला था, वहां एक माह बाद ही इसकी लहर धीमी पड़ गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रोन वैरिएंट के खिलाफ इंसानी शरीर में जल्दी एंटीबॉडी बन रही हैं, जिसके चलते मरीज गंभीर रूप से बीमार नहीं हो रहे हैं. 

क्या कहते हैं डॉक्टर
जयपुर के ईएचसीसी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर और वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. आर.एस.खेदर का कहना है कि ओमिक्रोन वैरिएंट कई म्यूटेशंस के साथ शरीर की पहली रक्षा पंक्ति यानि कि एंटीबॉडी को तो हराने में सक्षम है लेकिन यह वैरिएंट शरीर की दूसरी रक्षा पंक्ति मानी जाने वाली टी सेल्स से नहीं जीत पाता है. टी-सेल्स, ओमिक्रोन को बेअसर करने में बेहद प्रभावी हैं. 

दक्षिण अफ्रीका की केपटाउन यूनिवर्सिटी की स्टडी में पता चला है कि ओमिक्रोन वैरिएंट से जो मरीज ठीक हुए हैं, उनमें 70-80 फीसदी टी-सेल्स ने ओमिक्रोन के खिलाफ काम किया है. हालांकि डॉक्टर लोगों से सचेत रहने को कह रहे हैं. अफ्रीकी डॉक्टर्स का कहना है कि अभी तक के अध्ययन से पता चला है कि ओमिक्रोन वैरिएंट के लक्षण हल्के हैं और मरीज घर पर भी ठीक हो सकते हैं. यदि किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत भी पड़ रही है तो वह औसतन 3 दिन ही ठीक हो रहा है.

स्क्रॉल डॉट इन की एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका के गउतेंग प्रांत में जो मरीज ओमिक्रोन से संक्रमित हुए हैं, उनमें से सिर्फ 4.9 फीसदी मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई. दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों का कहना है कि इसके मुकाबले बीटा वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में से 18.9 फीसदी और डेल्टा वैरिएंट में से 13.7 फीसदी मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी थी. उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका के गउतेंग प्रांत में ही ओमिक्रोन का पहला मरीज मिला था. 

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