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ग्वालियर: मध्यप्रदेश में अगले महीने पंचायत चुनाव होने है. जब भी चुनावों का ऐलान होता है, तो ग्वालियर-चंबल अंचल में पुलिस की धड़कनें तेज हो जाती है, क्योंकि चुनावों के दौरान इस इलाके में अवैध हथियारों की तस्करी बढ़ जाती है और इसको रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है. यही वजह है कि पंचायत चुनाव का ऐलान होने के बाद पुलिस ने अब अपने मुखबिर तंत्रो को मजबूत करना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही ग्वालियर-चंबल अंचल के बॉर्डर पर तेजी से सख्ती के निर्देश दिए गए हैं. अंचल में भारी मात्रा में अवैध हथियारों की तस्करी की जाती है और इसका उपयोग चुनावों में लोगों को डराने, धमकाने और हत्या के प्रयासों जैसी घटनाओं के लिए किया जाता है.
ग्वालियर-चंबल अंचल में लगभग एक लाख से अधिक शस्त्र लाइसेंस हैं. अकेले ग्वालियर की बात करें, तो 32000 लाइसेंसी बंदूक हैं, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है. चुनाव के वक्त यह सभी शस्त्र लाइसेंस और हथियार थाने में जमा हो जाते हैं. इस दौरान अंचल में हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं. हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोह उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से आकर अंचल में अवैध हथियार खपाते हैं.
एमपी के सभी जिलों में सोमवार से त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए ग्राम, जनपद और जिला पंचायतों के लिए कलेक्टर ने अधिसूचना जारी कर दी है. इसके साथ ही पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्यों के लिए नामांकन पत्र जमा करना शुरू हो गया है. इस बार भी नामांकन पत्र ऑफलाइन मोड में ही लिए जा रहे हैं. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार सभी 52 जिला मुख्यालयों के साथ ही 313 विकासखंड मुख्यालयों और 2780 क्लस्टरों पर नामांकन पत्र लिए जाएंगे. साथ ही जिला पंचायत सदस्य के 875 पदों पर चुनाव होगा. साथ ही जनपद पंचायत सदस्य के 6771, सरपंच के 22921 और पंच के 363726 पदों के लिए चुनाव होंगे.
पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर, इन शर्तों को नहीं किया पूरा तो रद्द हो जाएगा नामांकन!
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