इस शख्स ने 15 मिनट में 15 लाख रुपये ठग लिए, मंत्रालय में नौकरी देने का किया था वादा
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1429788

इस शख्स ने 15 मिनट में 15 लाख रुपये ठग लिए, मंत्रालय में नौकरी देने का किया था वादा

दुर्ग में नौकरी लगाने के नाम पर पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है. आरोपी इतना शातिर है कि वो 15 लाख रुपये महज 15 मिनट में ही ठग लिए. जानिए पूरी स्टोरी

इस शख्स ने 15 मिनट में 15 लाख रुपये ठग लिए, मंत्रालय में नौकरी देने का किया था वादा

हितेश शर्मा/दुर्ग: नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले नटवरलाल को दुर्ग पुलिस ने हिरासत में लिया है. शख्स जिसने मंत्रालय में अपनी पहचान बता कर एक व्यक्ति से 15 लाख रुपए ठग लिए लेकिन नौकरी नहीं लगाई. आखिरकार प्रार्थी की शिकायत पर पुलिस ने ठग को गिरफ्तार किया. अब उससे पूछताछ जारी है. रिकॉर्ड निकाले जा रहे हैं कि अब तक कितने लोगों को इस नटवरलाल ने बेवकूफ बनाया है और कितने रुपए ठगे हैं.

बता दें कि देखने में भोला भाला दिखने वाला ये शख्स इतना शातिर है कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसमें एक व्यक्ति से 15 लाख रुपए 15 मिनट के अंदर ठग लिए. आरोपी छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रालय में अपनी ऊंचे पदों पर बैठे अधिकारियों से और नेताओं से पहचान का रौब दिखाता और लोगों से चंद मिनटों में ही लाखों रुपए ठग लेता था.

महाकाल ने द्वारिकाधीश को सौंपा सृष्टि का भार, मन मोह लेंगी हरिहर मिलन की तस्वीरें

नायाब तहसीदार पद का दिया भरोसा
दरअसल पूरा मामला दुर्ग जिले के स्मृति नगर थाने का है. जहां आरोपी ने नायाब तहसीलदार पद पर नौकरी लगाने के नाम पर 15 लाख रुपए की ठगी करने वाले आरोपी को स्मृति नगर चौकी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. रात्रि गश्त के दौरान संदिग्ध लोगों से की जा रही पूछताछ में आरोपी युवक पुलिस के हत्थे चढ़ा है. इस आरोपी की तलाश पुलिस को तीन महीने से थी. आपको बता दें कि प्रार्थी निमाई देवनाथ ने स्मृति नगर खाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई कि माह फरवरी 2021 में अपने पुत्री को नायब तहसीलदार एवं पुत्र को एम्स अस्पताल में शासकीय नौकरी में लगवाने के नाम से आरोपी श्रेयांश यादव एवं अभिजीत सिंह ने 15 लाख रुपये लिए थे. लेकिन आरोपियों द्वारा ना तो नौकरी लगवाई गई और ना ही पैसा वापस दिया गया.

रात्रि गश्त में पकड़ाया आरोपी
रिपोर्ट के आधार पर 30 अगस्त 2022 को धारा 420, 34 का अपराध दर्ज कर जांच में लिया गया था. जिसके बाद आरोपी अभिजीत को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. लेकिन उसका शातिर साथी श्रेयांश यादव लगातार फरार चल रहा था. अपराध की गंभीरता को देखते हुए शातिर ठग श्रेयांश तीन माह से फरार चल कहा था. लेकिन उसे क्या पता था कि उसकी शामत आने वाली है. कल देर रात पुलिस जब रात्रि गश्त और चेकिंग कर रही थी. उसी दौरान आरोपी श्रेयांश भी मिल गया और उसे तत्काल गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया है.

Trending news