Tourist Places in vidisha: मध्य प्रदेश का विदिशा जिला भारतवर्ष के प्रमुख प्राचीन नगरों में एक है, जो हिंदू तथा जैन धर्म के समृद्ध केन्द्र के रूप में जानी जाती है. यहां 2000 साल पुराने धरोहर है, जो भारत के स्वर्ण इतिहास को दर्शाते हैं.
मध्य प्रदेश का विदिशा अपने प्राचीन मंदिरों और धरोहर के लिए जाना जाता है. विदिशा में गुप्त काल, परमार राजवंश जैसे काल की मूर्तियां हैं. विदिशा जैन और हिंदू धर्म के कई मंदिरों का खजाना है
20 चट्टानों को काट कर उदयगिरि की गुफाएं को बनाया गया है. यहां 20 गुफाएं, जो ५वीं शताब्दी के आरंभिक काल की हैं. इन गुफाओं में भारत के कुछ प्राचीनतम हिन्दू और जैन मूर्तियां सुरक्षित हैं.
हिंडोला तोरण विदिशा के ग्यारसपुर में स्थित है. भगवान विष्णु या त्रिमूर्ति को समर्पित विशाल मंदिर से जुड़े सजावटी प्रवेश द्वारों में से एक है. हिंडोला तोरण निचले हिस्से को विष्णु के दस अवतारों के रूप देखने को मिलेंगे.
मालादेवी मंदिर पहाड़ी की ढलान पर एक खूबसूरत लोकेशन के बीच स्थित है. मालादेवी मंदिर जैन धर्म को संबंध है, यहां मंदिर आदिनाथ को समर्पित है.
शहर के केंद्र में स्थित लोहांगी पहाड़ी है . लोहांगी पीर में आप खड़ी चढ़ाई कर सकते हैं. यहां एक सुंदरता मंदिर भी है, एक मजार और पहाड़ी के शीर्ष पर से शहर के दृश्य देखने लायक होता है.
उदयेश्वर मंदिर, उदयपुर नामक कस्बे में स्थित है. इस मंदिर का निर्माण सन् 1059-1080 में किया गया था. यह परमार वंश के राजाओं का एकमात्र जीवित शाही मंदिर है. यह भगवान शिव का मंदिर है. मंदिर का परिसर विशाल पत्थरों से निर्मित चार दीवारों से घिरा हुआ है.
विदिशा जिला म्यूजियम में मूर्तियां, टेराकोटा और सिक्के हैं, जो 9वीं से 10वीं शताब्दी ई. के है. यहां यक्ष की मूर्ति है , जो मौर्य साम्राज्य या शुंग साम्राज्य के समय की बताई जाती है.
बजरमठ मंदिर अपनी नक्काशी और शिल्प कौशल के लिए जाना जाता है. मंदिर पहले सूर्य देव को समर्पित एक ब्रह्मिकल मंदिर था, लेकिन इसे जैन मंदिर में बदल गया. मंदिर में तीन गर्भगृह हैं और मंदिर पूरी तरह से जैन मूर्तियों से सुसज्जित है.
गुप्त काल में बना इस स्तंभ को हेलियोडोरस स्तंभ या गरुड़ स्तम्भ कहा जाता है. 2000 साल पहले तक्षशिला के ग्रीक राजदूत हेलियोडोरस ने भागवत धर्म अपनाने के बाद इस का निर्माण कराया था.
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