Kanwar Yatra 2024: सावन का पवित्र महीना चल रहा है. इस महीने में देश भर में कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है. कांवड़िये पवित्र नदियों के जल से महादेव का जलाभिषेक क रहे हैं. इसी क्रम में एमपी की संस्कारधानी जबलपुर में भी आज कांवड़ यात्रा निकाली गई. गौरी घाट से मां नर्मदा की पूजा- अर्चना करके जल लेकर यात्रा खमरिया के कैलाश धाम के लिए रवाना हुई. गौरीघाट से प्रारंभ होकर यात्रा रामपुर, बंदरिया तिराहा, गोरखपुर, शास्त्री ब्रिज सहित कई जगहों से होकर कैलाश धाम में पहुंचेगी. बता दें कि ये कांवड़ यात्रा प्रदेश की सबसे बड़ी यात्रा है.
मध्य प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर में आज गौरी घाट में मां नर्मदा की पूजन अर्चन के बाद संस्कार कांवड़ यात्रा निकाली गई.
ये यात्रा गौरीघाट से प्रारंभ होकर रामपुर, बंदरिया तिराहा, गोरखपुर, शास्त्री ब्रिज, मालवीय चौक, सराफा, बेलबाग, घमापुर, कांचघर, सतपुला, गोकलपुर, रांझी, खमरिया होते हुए कैलाश धाम में भगवान भोलेनाथ के जलाभिषेक के साथ समाप्त होगी.
यह यात्रा पिछले 13 सालों से निकाली जा रही है, इस बार कांवड़ यात्रा का ये 14 वां साल है, सुबह से हजारों कावड़िया अपने-अपने कंधों पर कांवड़ उठाकर नर्मदा जल लेकर 35 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए कैलाश धाम मटामर के लिए निकले.
कवाड़िया नर्मदा जल के साथ-साथ एक पौधा भी अपने कांवड़ यात्रा में रखे हुए थे. इसे समापन के बाद कैलाश धाम पहाड़ी पर लगाया जाएगा. लगभग 25000 पौधारोपण भी होगा.
कांवड़ यात्रा में सुरक्षा के लिए 200 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, साथ ही साथ बता दें कि शहर में यात्रा के दौरान बड़े वाहनों के प्रवेश पर वर्जित रखा गया है.
जबलपुर की संस्कार कावड़ यात्रा का नाम गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज है. ये प्रदेश की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा है.
इस कांवड़ यात्रा में बच्चों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक शामिल है. यात्रा के दौरान भक्तों में काफी ज्यादा उत्साह भी देखा गया.
सावन के दूसरे सोमवार पर निकाली जा रही 35 किमी कांवड़ यात्रा में प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हुए.
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