MP News/ सत्येंद्र परमार: भारत में सैंकड़ों रहस्यमयी किले मौजूद हैं, जो अपनी भव्यता के साथ-साथ अपने अंदर समेटे रहस्यों को लेकर विदेशों तक में चर्चा का केंद्र बने रहते हैं. कई किले तो ऐसे है, जिनका निर्माण किसने करवाया और क्यों इसका निर्माण हुआ कोई नहीं जानता. आज हम आपको देश के ऐसे ही रहस्यमयी किले के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एक समय घूमने गई बारात कभी वापस नहीं लौटी....
निवाड़ी जिले में स्थित गढ़कुंडार एक ऐसा किला है, जो बेहद रहस्यमय है. कहते हैं इसमें इतना खजाना है कि भारत अमीर हो जाए. 11 वीं सदी में बना यह किला 5 मंजिल बना है. 3 मंजिल ऊपर है, जबकि 2 मंजिल जमीन के नीचे है. यह किला एक भूल भुलैया की तरह है. इस किले में खजाने की तलाश के चक्कर में कई लोगों ने जान भी गवाई है. इसके तहखाने में कई रहस्य अभी भी मौजूद हैं.
इतिहासकारों के मुताबिक गढ़कुंडार बेहद संपन्न और पुरानी रियासत रही है. यहां के राजाओं के पास कभी सोने, हीरे, जवाहरात की कमी नहीं रही. किले के नीचे दो मंजिला भवन है. उसी में खजाने का रहस्य छिपा हुआ है. इस किले का नाम गढ़कुंडार किला है. इसकी भव्यता किलों के इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों का मन मोह लेगी. बताया जाता है कि इस किले का निर्माण 11वीं सदी में करवाया गया था.
वैसे तो देश में मौजूद कई किलों के निर्माण का उद्देश्य और उसको बनवाने वाले का इतिहास में उल्लेख है, लेकिन कई ऐसे किले हैं जिनका उद्देश्य और निर्माण कराने वाले का कोई पता नहीं, इन्ही अज्ञात किले में शामिल है गढ़कुंडार किला, जिसको कब और किसने बनवाया. इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. बताया जाता है कि यहां चंदेलों, बुंदेलों और खंगार जैसे कई शासकों ने शासन किया.
गढ़कुंडार के इस किले की बनावट पर गौर किया जाए तो ये सुरक्षा की दृष्टि से बनवाए गए किले का ऐसा बेजोड़ नमूना है. यह लोगों को भ्रमित कर देता है. किले की बनावट ऐसी है कि वो कई किलोमीटर दूर से नजर आने लगता है. जैसे-जैसे आप इसके पास जाते हैं. किला आंखों से ओझल हो जाता है. आगे बढ़ने के बाद वही रास्ता किले के बजाय आपको किसी अन्य ही दिशा में ला कर खड़ा करता है. किले में प्रवेश का रास्ता दूसरा है. भ्रमित निर्माणशैली के कारण ये किला भारत के सबसे रहस्यमय किलों में आता है.
1300 ईसवी के आसपास गढ़कुंडार किले पर बुंदेलों का शासन हुआ करता था. कहा जाता है कि गढ़कुंडार की राजकुमारी इतनी खूबसूरत थी. मुगल बादशाह मोहम्मद बिन तुगलक गढ़कुंडार के राजा मान सिंह की बेटी केसर दे की खूबसूरती का कायल हो गया था. उसने उसका हाथ मांगा, लेकिन राजा ने इनकार कर दिया. इस पर तुगलक ने गढ़कुंडार पर आक्रमण कर दिया. सेना को हारते देख राजकुमारी ने अपनी इज्जत बचाने के लिए कई महिलाओं के साथ आग में कूद कर जान दे दी थी.
रहस्यमय किले को लेकर एक कहानी बेहद चर्चित है. किले के आस पास रहने वाले स्थानीय लोग कहते हैं कि काफी समय पहले यहां पास के ही गांव में एक बारात आई थी. बारात में शामिल लोग किले में घूमने निकले थे. किले में घूमते-घूमते वो लोग तलघर में चले गए. जिसके बाद वो रहस्यमय तरीके से अचानक गायब हो गए. गायब होने वाले लोगों की संख्या 50-60 थी, जिनका आज तक पता नहीं चल पाया.
कहा तो ये भी जाता है कि किले में खजाना छिपा हुआ है, जिसकी खोज के चलते कई लोग इसी तरह गायब हो गए. बाद में किले के नीचे जाने वाले सभी दरवाजों को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया. जानकार मानते हैं कि यह किला भूल-भुलैया की तरह है. बिना जानकारी के अंदर जाने के बाद कोई भी यहां दिशा भूल सकता है. क्योंकि तहखाने में दिन में भी अंधेरा रहता है.
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