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एमपी से है राजीव गांधी का गहरा नाता; बुंदेलखंड में सीखा था राजनीति का ककहरा

Rajiv Gandhi Bundelkhand Connection: आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि है. इस मौके पर कांग्रेस नेता सहित देश के तमाम नेता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं. राजीव गांधी की याद में कांग्रेसियों ने तमाम कार्यक्रम रखा है. इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं राजीव गांधी के मध्य प्रदेश से उस कनेक्शन के बारे में जहां से राजीव गांधी ने सियासती की सीढ़ियां चढ़ी थी. जहां पर उन्होंने सियासी ट्रेनिंग ली थी. आइए जानते हैं क्या था उनका कनेक्शन. 

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आज राजीव गांधी की पुण्यतिथि है. इस मौके पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वीर भूमि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. 

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कहा जाता है कि राजीव गांधी अपने भाई संजय गांधी के मुकाबले राजनीति में रुचि नहीं रखते थे. वो एक प्रोफेशनल पायलट थे और गांधी परिवार के सदस्य होने के अलावा राजनीति से उनका कोई खास नाता नहीं था. 

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ऐसा कहा जाता है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद मजबूरन राजीव गांधी को राजनीति में एंट्री लेना पड़ा, कुछ लोग कहते हैं कि राजीव गांधी को राजनीति का ज्ञान नहीं था मगर बुंदेलखंड की धरती कुछ और गवाही देती है. 

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इतिहास की माने तो इंदिरा गांधी के निधन के पहले ही राजीव गांधी राजनीति में एंट्री कर चुके थे, एक राजनेता के तौर पर उन्होंने अपनी सियासी पारी की शुरूआत बुंदेलखंड से की थी. 

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बता दें कि लोकसभा के उपचुनाव में राजीव गांधी ने सागर के बीना में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर जनसभा में शामिल हुए और उन्होंने रोड शो भी किया. 

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बीना के अलावा राजीव गांधी ने खुरई, सागर और रहली का भी दौरा किया था. लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. यहीं से राजीव गांधी की राजनीति की शुरूआत हुई थी. 

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जिस समय राजीव गांधी सागर के बीना दौरे पर आए थे उस समय उनकी उम्र महज 37 साल थी और 23 दिसम्बर 1981 में उन्होंने शास्त्री वार्ड में स्थित शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक एक में आमसभा को संबोधित किया और सभा के बाद रोड शो भी किया.

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राजीव गांधी ने बीना में आमसभा के बाद एक रोड शो भी किया. लोगों की नजर में उनका प्रभाव भी अच्छा खासा रहा, हालांकि वो दो दिन के दौरे के बाद भी कांग्रेस को नहीं जिता पाए. 

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सागर लोकसभा उपचुनाव के लिए इंदिरा गांधी ने खुद श्यामलाल ठक्कर को चुना था और उन्हें प्रत्याशी बनाया था. लेकिन चुनाव में इन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 

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ऐसा कहा जाता है कि राजीव गांधी का पहला पहला चुनावी दौरा था और वो हेलीकॉप्टर से आने वाले थे, ऐसे में हेलीकॅाप्टर देखने के लिए भी लोगों की भीड़ उमड़ी थी. राजीव से पहले कोई और नेता हेलीकॅाप्टर से बीना में नहीं आया था. ऐसे में कहा जाता है कि राजीव गांधी बुंदेलखंड से राजनीति की शुरूआत कर चुके थे.