Mysterious Hospital: मध्य प्रदेश के शहडोल (Shahdol News) जिले में पड़ने वाले ब्यौहारी के अस्पताल (Beohari Hospital) में भूतों की साया छाया (Ghost In Hospital) हुआ है. लोगों का कहना है कि यहां से तरह-तरह की आवाजें आती है. इसी डर के कारण हॉस्पिटल में बना NRC केंद्र 3 माह से खाली पड़ा है.
शहडोल (Shahdol) के ब्यौहारी के अस्पताल में इन दिनों भूतों की साया (Ghost In Hospital) होने की बात कही जा रही है. जिस कारण यहां का NRC केंद्र करीब 3 माह से खाली पड़ा है. लोगों का दावा है कि यहां से रात में तरह-तरह की आवाजें आती है. अब ये अफवाह हो या जो इससे स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ा असर पड़ रहा है.
महिलाओं का दावा आते हैं भूत: एनआरसी प्रभारी द्वारा बताया गया कि कुपोषित बच्चों की माताएं कहती हैं कि यहां भूत आते हैं. तरह-तरह की आवाजें रात को आती हैं. इसलिए पिछले 3 माह से NRC खाली है. एनआरसी को अन्य जगह शिफ्ट करना चाहिए.
शिकायत के बाद नहीं हुई सुनवाई: कुछ महिलाओं द्वारा यह बताया गया कि रात में कोई आवाज दे रहा है. कोई दरवाजा खटखटा रहा है, कोई चल रहा है, तरह-तरह की आवाजें आती हैं.
अस्पताल में चल रही इसी अफवाह के चलते NRC लगभग 3 माह से खाली है. कोई भी एनआरसी में अपने बच्चे को भर्ती नहीं कर रहा है. उन्होंने लगातार इस बात की शिकायत की है. लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई.
डर के कारण लगाई गईं देवी देवताओं की प्रतिमा: डर के कारण यहां हर दीवार पर दुर्गा, शिव, हनुमान की प्रतिमा लगाई है कि भूत प्रेत से बचा जा सके. कई बार मजबूरी में यहां आने वाले लोग हनुमान चालीसा का पाठ ही करते रहते हैं.
एनआरसी से पोस्टमार्टम रूम की दीवार एक: दरअसल ब्यौहारी हॉस्पिटल के अंदर एनआरसी से पोस्टमार्टम रूम लगा हुआ है. यहां आए दिन पोस्टमार्टम होता है. जिससे एनआरसी केंद्र में बदबू आती है.
क्योंकि पोस्टमार्टम रूम व एनआरसी केंद्र की खिड़की और दीवाल एक ही हैं. महिलाएं उनको देखकर डर जाती है. संवतः इसी कारण उन्हें भूत के साय जैसा आभास होता है.
सीएमएचओ ने कही जांच की बात: मामले में जब सीएमएचओ आरएस पांडे से बात की गई तो उन्होंने सिरे से इस बात को नकार दिया और कहा कि ऐसा नहीं है. कोई काम नहीं करना चाहते इसलिए इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं. हालांकि, बाद में उन्होंने जांच करने की बात कही है. लेकिन, उन्होंने किसी तरह के भूत प्रेत की बात से इनकार किया है.
कुपोषण बढ़ने का आशंका: ब्यौहारी ब्लॉक में कुपोषण की बात की जाए तो यहां इससे शिकार बच्चों की संख्या 1751 है. लेकिन, पिछले 3 माह से NRC एक भी बच्चा नहीं पहुंचा. इस बात की मॉनीटरिंग किसी अधिकारी द्वारा नहीं की जा रही है. अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि केंद्र केवल दिखावे के लिए तो नहीं खोला गया.
नोटः जी मीडिया भूत प्रेत आदि के दावों की पुष्टि नहीं करता. लेकिन, इस NRC सेंटर के पास ही पोस्टमार्टम रूम होने को लेकर प्रबंधन को जांच और समस्या उचित निदान करना चाहिए. जिससे लोगों को समस्या न हो और बच्चों का सही इलाज हो सके.
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