Palak Kishori Rewa: जया किशोरी के विचारों से काफी संख्या में लोग प्रभावित होते हैं, बहुत से लोग उनके टिप्स को फॉलो करते हैं, हालांकि इन दोनों कथा वाचिका पलक किशोरी खूब चर्चाओं में है जिन्हें लोग दूसरी जया किशोरी कहने लगे हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में और इनके विचार.
कथावाचिका जया किशोरी अपनी कथा की वजह से लोगों के बीच में काफी ज्यादा जानी जाती हैं. जहां पर उनकी कथा होती है वहां हजारों की संख्या में लोग इकट्ठे होते हैं. बिल्कुल उन्हीं की तरह इन दिनों मध्य प्रदेश और देश भर में पलक किशोरी का नाम गूंज रहा है.
पलक किशोरी की बोलने की स्टाइल, कथा के समय उनका लहजा बिल्कुल जया किशोरी से मिलता जुलता है जिसकी वजह से लोग उन्हें दूसरी जया किशोरी कह रहे हैं.
पलक किशोरी अपनी बातों की वजह से इन दिनों इंटरनेट पर छाई हुई हैं. जिनकी चर्चा देश भर में हो रही है.
पलक किशोरी मध्य प्रदेश के रीवा से ताल्लुक रखती हैं. इनका जन्म साल 2005 में हुआ था. हालांकि इनका लगाव सतना जिले से भी काफी है.
पलक का लगाव बचपन से ही पूजा पाठ में रहा है. घर में भी अक्सर धार्मिक कार्यक्रम होते रहते थे. जिसकी वजह से आध्यात्म के प्रति उनका भी झुकाव हो गया.
12 वीं कक्षा में पढ़ने वाली पलक किशोरी जया किशोरी को अपना मार्गदर्शक मानती हैं. उन्हीं की तरह उनकी बोलने की शैली भी हैं.
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इन दिनों पलक किशोरी का नाम तेजी से चर्चा में है. जहां पर इनकी कथा वहां पर हजारों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं.
पलक किशोरी कहती हैं कि उन्हें जया किशोरी की भागवत कथा सुनाने के तरीके को देखकर प्रेरणा मिली और अब उनके मार्गदर्शन से भागवत कथा का पाठ कर पा रही हैं.
पलक किशोरी ने साल 2021 में कोरोना काल में पहली बार नवरात्रि के त्योहार पर भगवान कृष्ण पर दो घंटे की कथा का वाचन किया था. उसके बाद पलक लगातार कथा का पाठ कर रही हैं जिसकी वजह से चर्चाओं में बनी हुई हैं.
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