Janjatiya Gaurav Diwas: भूरी बाई को सरकार का देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया है.
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Janjatiya Gaurav Diwas: जनजातीय गौरव दिवस (Tribals Pride Day) के मौके पर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी मंच पर पहुंच चुके हैं. पीएम मोदी के मंच पर पहुंचने पर सीएम शिवराज ने प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन किया और उन्हें जनजातीय टोपी पहनाकर सम्मानित किया. इस दौरान मंच पर एक महिला भी दिखाई दीं. दरअसल ये महिला हैं भूरी बाई. भूरी बाई एक मशहूर चित्रकार हैं. भूरी बाई ने पीएम मोदी को जनजातीय कलाकृति भी भेंट की.
कौन हैं भूरी बाई
आदिवासी समुदाय से आने वाली भूरी बाई मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के पिटोल गांव से ताल्लुक रखती है. भूरी बाई को बचपन से ही चित्रकारी पसंद थी और उन्होंने कैनवास पर आदिवासियों के जीवन से जुड़ी चित्रकारी 'पिथोरा' बनानी शुरू की और देखते ही देखते पूरे देश में भूरी बाई की पहचान बन गई. हालांकि भूरी बाई का सफर आसान नहीं रहा है, उन्हें शुरुआत में मजदूरी करनी पड़ी थी. जब भारत भवन की बिल्डिंग का निर्माण हो रहा था, तब भूरी बाई मेहनत मजदूरी करती थीं और खाली वक्त में पेंटिंग बनाती थी.
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धीरे-धीरे भूरी बाई की पहचान बनने लगी और अब उनकी पेंटिंग्स ना सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी खूब पसंद की जाती है. अमेरिका में एक वर्कशॉप के दौरान भी भूरी बाई की बनाई पेंटिंग का प्रदर्शन किया गया था.
हाल ही में भूरी बाई को सरकार का देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया है. पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद भूरी बाई ने कहा था कि "यह पुरस्कार मुझे आदिवासी भील पेंटिंग करने के लिए मिला है. मैंने मिट्टी से पेटिंग की शुरुआत की थी. मैं भोपाल के भारत भवन में मजदूरी करती थी और उसके साथ पेंटिंग भी बनाती थी. मेरी पेंटिंग आज देश विदेश में जाती है, मैं बहुत खुश हूं."