Raksha Bandhan 2022: ब्रह्म मुहूर्त में महाकाल को बांधी गई सबसे बड़ी राखी, सवा लाख लड्डुओं का लगा भोग
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Raksha Bandhan 2022: ब्रह्म मुहूर्त में महाकाल को बांधी गई सबसे बड़ी राखी, सवा लाख लड्डुओं का लगा भोग

Ujjain Mahakal Raksha Bandhan 2022: ब्रह्म मूहर्त में बांधी गई बाबा महाकाल को भस्मारती से भी पहले सबसे बड़ी राखी. "सवा लाख लड्डुओं का लगाया गया बाबा को भोग. विश्व भर में मंदिर प्रांगण से ही शुरू होती है हर एक पर्व की शुरुआत.देश विदेश से भी भक्तों ने पहुंचाई बाबा महाकाल को राखी.

Ujjain Mahakal Raksha Bandhan 2022

राहुल राठौर/उज्जैन: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2022) का पर्व जिसे विश्व भर में बड़े हर्षोल्लास के साथ आज मनाया जा रहा है, लेकिन हमेशा की तरह विश्व प्रसिद्ध एक मात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल (Dakshin Mukhi Jyotirlinga Baba Mahakal) के प्रांगण में इस पर्व को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मनाया गया,जिसके बाद उत्सव की शुरुआत हुई. बाबा महाकाल की भस्मार्ती करने वाले महेश पुजारी के परिवार की महिलाओं द्वारा राखी बांधी गई. 

डेढ़ लाख नेवेध में चढ़ाए गए लड्डू 
जिसके बाद भस्मीकरण संपन्न हुआ और मंदिर समिति की ओर से भक्तों के सहयोग से बाबा को 1.25 लाख लड्डू चढ़ाए गए हैं. सावन के पूरे महीने में पुजारी के परिवार की महिलाएं व्रत रखकर और मंगल गान गाकर बाबा के लिए विशेष राखी बनाती हैं. इसे बांधने के बाद ही भोग लड्डू प्रसाद के साथ चक्र खोलते हैं. जो बाबा को चढ़ाया जाता है, ऐसा माना जाता है कि दुनिया में त्योहार शुरू करने वाले पहले बाबा महाकाल ही हैं. दरअसल, राखी के दिन सुबह साढ़े तीन बजे से शाम पांच बजे तक होने वाली भस्म आरती में सबसे पहले विशेष पंचामृत अभिषेक पूजा की जाती है और बाबा का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है, बाद में डेढ़ लाख नेवेध में लड्डू चढ़ाए गए.

 

महाकाल के जयकारों से गूंज उठी अवंतिका नगरी 
कहा जाता है कि राखी ही एकमात्र ऐसा पर्व है. जिस दिन राखी बांधने के बाद बाबा महाकाल की भस्मारती की जाती है और ये सबसे बड़ी राखी होती है. जो भस्मार्ती करने वाले पुजारी परिवार की महिलाएं बाबा को बांधती हैं.इस विशेष राखी को सावन में रखे गए उपवास के दौरान मंगल गान गाते हुए बनाया जाता है. भगवान महाकाल को बांधी जाने वाली राखी के भी दर्शन करने जन्माष्टमी तक श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर आते हैं. आज त्योहार के दिन भी बड़ी संख़्या में तेज बारिश के बावजूद श्रद्धालू मंदिर पहुंचे और बाबा के दर्शन लाभ लिए. जय श्री महाकाल के जयकारों से अवंतिका नगरी गूंज उठी.

जानिए पुजारी महेश शर्मा ने क्या कहा?
महेश शर्मा ने बाबा की पूजा की और बताया कि किसी भी त्योहार की शुरुआत विश्व भर में बाबा महाकाल के धाम से होती है क्योंकि अल सुबह बाबा महाकाल का ही पूजन अभिषेक व आरती की जाती है. इस दैरान पर्व को मनाया जाता है. आज सुबह बाबा महाकाल को परंपरा अनुसार सबसे पहले राखी बांधी गई. बाबा महाकाल का खास पंचामृत पूजन अभिषेक किया गया. देश में अलग-अलग राज्यों व विदेशों से भी राखियां आईं. जो बाबा को अर्पित की गईं. साथ ही सवा लाख लड्डुओं का भोग बाबा को लगाया गया है. राखी पर्व की देशवासियों को शुभकामनाएं 

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