बॉलीवुड की मशहूर जोड़ी रणबीर कपूर और आलिया भट्ट मंगलवार शाम को अपनी अगामी फिल्म ब्रह्मास्त्र के लिए महाकाल मंदिर के दर्शन करने उज्जैन पहुंचे थे.
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नई दिल्ली: बॉलीवुड की मशहूर जोड़ी रणबीर कपूर और आलिया भट्ट मंगलवार शाम को अपनी अगामी फिल्म ब्रह्मास्त्र के लिए महाकाल मंदिर के दर्शन करने उज्जैन पहुंचे थे. यहां उनके आने की खबर लगते ही बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर विरोध किया. हालात ऐसे हो गए कि रणबीर और आलिया को भगवान महाकाल के दर्शन किए बिना ही लौटना पड़ा. इसे लेकर अब प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.
जानिए क्या कहा नरोत्तम मिश्रा ने...
प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि फिल्म अभिनेता रणबीर कपूर और अभिनेत्री आलिया भट्ट के महाकाल बाबा के दर्शन की पूरी व्यवस्था उज्जैन प्रशासन ने की थी, लेकिन प्रशासन के आग्रह के बावजूद रणबीर और आलिया खुद दर्शन के लिए नहीं गए. उन्होंने आगे कहा कि वैसे लोगों की भावनाओं को आहत करने वाले शब्दों का प्रयोग कलाकारों को नहीं करना चाहिए.
फिल्म अभिनेता रणबीर कपूर और अभिनेत्री आलिया भट्ट के महाकाल बाबा के दर्शन की पूरी व्यवस्था उज्जैन प्रशासन ने की थी, लेकिन प्रशासन के आग्रह के बावजूद रणबीर और आलिया खुद दर्शन के लिए नहीं गए।
वैसे लोगों की भावनाओं को आहत करने वाले शब्दों का प्रयोग कलाकारों को नहीं करना चाहिए। pic.twitter.com/uiWB2tf9Hj
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) September 7, 2022
विरोध करने वालों पर केस दर्ज
हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता के खिलाफ धारा 353 के तहत थाना महाकाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है. एडिशनल एसपी, एडीएम, एसडीएम व तमाम अधिकारियों की मौजूदगी में हुई. सीएसपी और थाना प्रभारी व कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट को लेकर यह कार्रवाई शासकीय बाधा में अड़चन तहत की गई है.
इंटेलिजेंस पूरी तरह हुआ फेल
गौरतलब है कि मंदिर में एक्टर्स के पहुंचने का समय शाम 7 बजे बाबा महाकाल की संध्या आरती में तय था लेकिन जैसे ही समय नजदीक आते गया संगठन के कार्यकर्ताओं पदाधिकारी उनके प्रवेश द्वार के आसपास बिखरे हुए बैठे हुए थे. जैसे ही अधिकारियों की गाड़ी पहुंचने लगी तो कार्यकर्ता अलर्ट हुए और संगठनों के कार्यकर्ता व पदाधिकारी एक साथ झुंड में एकत्रित हो गए. इस बीच प्रोडक्शन टीम की गाड़ी अंदर प्रवेश कर चुकी थी. जिसका विरोध कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने जमकर किया. कार्यकर्ता व पदाधिकारी वीआईपी प्रवेश द्वार तक कैसे पहुंचे. इसकी पुलिस को भनक तक नहीं लगी पूरी तरह से इस दौरान पुलिस का इंटेलिजेंस व सुरक्षा व्यवस्था फेल होती नजर आई.