रतलाम में 25 हजार करोड़ के निवेश के विरोध में उतरे आदिवासी, कलेक्टोरेट बना छावनी
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रतलाम में 25 हजार करोड़ के निवेश के विरोध में उतरे आदिवासी, कलेक्टोरेट बना छावनी

Ratlam कलेक्टर, एसपी खुद आदिवासी इलाकों में घूम-घूमकर आदिवासियों को योजना की जानकारी दे रहे हैं. साथ ही यह भी साफ कर रहे हैं कि योजना में किसी आदिवासी की निजी जमीन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. यह पूरी योजना सरकारी जमीन पर पूरी होगी.

रतलाम में 25 हजार करोड़ के निवेश के विरोध में उतरे आदिवासी, कलेक्टोरेट बना छावनी

चंद्रशेखर सोलंकी/रतलामः मध्य प्रदेश के रतलाम (Ratlam) में सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना खटाई में पड़ सकती है. दरअसल रतलाम जिले के आदिवासी इलाके में सरकार 25 हजार करोड़ की औद्योगिक निवेश योजना (Industrial Investment Yojana) शुरू करने जा रही है लेकिन शुरुआत से पहले ही इसका विरोध शुरू हो गया है. आदिवासी संगठनों ने आज बड़े पैमाने पर इकट्ठा होकर योजना का विरोध कर रहे हैं. तनाव के चलते इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है और बड़े पैमाने पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. 

क्या है मामला
रतलाम जिले के आदिवासी इलाके में सरकार ने 1466 हेक्टेयर भूमि पर 25 हजार करोड़ रुपए की इंडस्ट्रियल निवेश योजना की शुरुआत की थी. निवेश के लिए कई कंपनियां आगे भी आई हैं. हालांकि योजना का विरोध शुरू हो गया है. जिसके बाद कलेक्टर, एसपी खुद आदिवासी इलाकों में घूम-घूमकर आदिवासियों को योजना की जानकारी दे रहे हैं. साथ ही यह भी साफ कर रहे हैं कि योजना में किसी आदिवासी की निजी जमीन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. यह पूरी योजना सरकारी जमीन पर पूरी होगी. साथ ही आदिवासी इलाकों के जलस्त्रोतों का भी इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और कंपनियों को पानी की आपूर्ति के लिए कनेरी डैम योजना भी तैयार की जा चुकी है. 

हालांकि इसके बावजूद कुछ आदिवासियों में योजना को लेकर भ्रम है. आदिवासी संगठनों का आरोप है कि आदिवासियों की जमीन के साथ ही पशुओं के चारागाह वाली जमीन इस प्रोजेक्ट में ली जाएगी. आदिवासी इस प्रोजेक्ट के जरिए पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ का भी आरोप लगा रहे हैं. यही वजह है कि सोमवार को आदिवासी संगठनों ने बड़े पैमाने पर इकट्ठा होकर कलेक्टोरेट में योजना का विरोध शुरू कर दिया है. विरोध के चलते कलेक्टोरेट छावनी बन गया है और पूरे शहर में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है. आशंका है कि विरोध के लिए अन्य जिलों से भी आदिवासी रतलाम पहुंच सकते हैं. सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन के ऐलान के बाद पुलिस अलर्ट है और किसी को भी बिना इजाजत विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी.  

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