Chhindwara Bodalkachar Case: 10 साल के मासूम को 4 लाख की सहायता, बेहतर इलाज के लिए कलेक्टर सख्त!
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Chhindwara Bodalkachar Case: 10 साल के मासूम को 4 लाख की सहायता, बेहतर इलाज के लिए कलेक्टर सख्त!

MP news: बोदलकछार हत्याकांड में घायल 10 साल के बच्चे को मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला अस्पताल में विशेष निगरानी में रखा गया है. वहीं उसके इलाज के लिए प्रशासन ने 4 लाख रुपये की सहायता भी दी है.

Chhindwara Bodalkachar Case

Chhindwara news: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में बोदलकछार हत्याकांड में घायल 10 साल के मासूम की साहयता के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. दरअसल, हत्याकांड में घायल इशु सुइयाम के इलाज का पूरा खर्च प्रशासन द्वारा उठाया जाएगा. कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश है कि मासूम के इलाज में किसी भी प्रकार की कमी न की जाए. वहीं उसके इलाज में 4 लाख की सहायता राशि भी प्रदान की गई है. 

सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात
नागपुर से डिस्चार्ज होने के बाद मासूम को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया है, जहां उसका इलाज प्रशासन और डाक्टरों की खास निगरानी में किया जा रहा है. साथ ही उसके सुरक्षा को ध्यान में रखते पुलिस बल भी तैनात रहेगी और एक डॉक्टर की टीम भी हमेशा उसके साथ तैनात रहेगी. 

मुख्यमंत्री के निर्देश
छिंदवाड़ा के कलेक्टर शीलेंद्र सिंह घायल बच्चे से मिलने पहुंचे थे. उनके साथ एसडीएम सुधीर जैन, अस्थि रोग विशेषज्ञ सहित अन्य डॉक्टरों की टीम भी आई थी. कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री के साफ निर्देश हैं मासूम इशु के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही न बरती जाए. इलाज के लिए 4 लाख रुपए की सहायता भी दी जाएगी. 

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बच्चे के चेहरे पर टांके लगाए गए
बोदलकछार हत्याकांड में आरोपी ने इशु सुइयाम पर कुल्हाड़ी से हमला किया था, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया था. हमले में उसके चेहरे और जबड़े में गंभीर चोटें आईं थी. इलाज के लिए उसे जिला अस्पताल लाया गया था, फिर बेहतर इलाज के लिए उसे नागपुर रेफर किया गया था. नागपुर में उसके चेहरे में टांके लगाए गए थे. वहां से डिस्चार्ज के बाद इशु को मेडिकल संबद्ध जिला अस्पताल के ICU वार्ड में भर्ती किया गया है. 

'जरूरत पड़ी तो बेहतर अस्पताल में सर्जरी की जाएगी'
कलेक्टर ने पीड़ित बच्चे के परिवार वालो से बात भी की. उन्हें कहा कि फिलहाल उसे घर नहीं ले जा सकते हैं, क्योंकि घर में अस्पताल जैसी सुविधा नहीं है. नागपुर के सर्जरी विशेषज्ञ किसी काम से बाहर गए है, इसलिए उसकी सर्जरी नहीं हो पाई. अगर जरूरत पड़ी तो बेहतर अस्पताल में उसकी सर्जरी कराई जाएगी. 

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