Satna: हाइटेंशन टावर में चढ़े किसान, कहा-कसम खाते हैं अब नहीं उतरेंगे, मांग पूरी करो
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Satna: हाइटेंशन टावर में चढ़े किसान, कहा-कसम खाते हैं अब नहीं उतरेंगे, मांग पूरी करो

Farmers Climbed in High Tension Tower: सतना के अतरवेदिया गांव में उचित मुआवजे की मांग को लेकर आधा दर्जन किसान हाइटेंशन टावर में चढ़ गए.

Satna Farmers Climbed in High Tension Tower

संजय लोहानी/सतना: हाइटेंशन टावर में आधा दर्जन किसान पावरग्रिड कंपनी से मुआवजे की मांग को लेकर चढ़ गए. किसानों का आरोप है कि उनके खेत में टावर लगाए कई साल बीत गए हैं, पर अभी तक उन्हें नहीं दिया गया है. ऐसे में किसानों को कहना है कि जब तक उन्हें लिखित आदेश नहीं मिलता वह टावर पर ही चढ़े रहेंगे.

किसानों का ये है कहना
सतना जिले के उचेहरा थाना अंतर्गत अतरवेदिया गांव में हाइटेंशन टावर में आधा दर्जन किसान पावरग्रिड कंपनी से मुआवजे की मांग को लेकर चढ़ गए हैं. किसानों का आरोप है कि उनके खेत में टावर लगाए कई साल बीत गए हैं, पर अभी तक उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया है.ऐसे में किसानों को कहना है कि जब तक उन्हें लिखित आदेश नहीं मिलता वह टावर पर ही चढ़े रहेंगे.

दरअसल ये वो किसान हैं,जो पिछले दस वर्षों से मुआवजे की मांग पर अड़े हैं, लेकिन इनकी समस्या का समाधान आज तक नहीं हो पाया है. किसानों का कहना है कि उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और न्यायालय ने मुआवजे की दर भी निर्धारित की.इसके बाबजूद समस्या का निदान आज तक नहीं हो पाया है.ऐसे में आज फिर एक बार किसान पावरग्रिड से मुआवजे की मांग को लेकर टावर पर चढ़ कर धरना दे रहे हैं. 

जब तक मांगे नहीं होगी पूरी
आधा दर्जन किसान टावर में मचान बनाकर जान जोखिम में डाल चढ़े हुए हैं. हाईटेंशन लाइन चालू हैं.बता दें कि विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी किसान भी टावर पर चढ़े हुए है और मुआवजे की मांग कर रहे हैं. यह प्रदर्शन पूर्व नियोजित है और  अनिश्चित कालीन तक चलने वाला है. जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं होगी.

हालांकि इसके पहले भी इन गांवों के किसान ने 15 दिनों तक टावर में चढ़कर विरोध-प्रदर्शन किया था और जिला प्रशासन ने किसानों को भरोसा दिया था, लेकिन  समस्या का समाधान नहीं हो सका. पिथौरावाद में पांच किसान एक ही टावर पर चढ़ कर धरना दे रहे थे. रामनाथ कोल, मातादीन कोल, रजीनश कुशवाहा, शिव कुशवाहा, धर्मेंद्र कुशवाहा नाम के किसान जब तक मांगे पूरी नहीं होगी,तब तक टावर से उतरने को तैयार नहीं है.

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