Shankaracharya Nischalananda Saraswati: शंकराचार्य निश्चलानंद सस्वती महाराज ने RSS को लिया आड़े हाथों, कहा- उनके पास कोई ग्रंथ नहीं है
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Shankaracharya Nischalananda Saraswati: शंकराचार्य निश्चलानंद सस्वती महाराज ने RSS को लिया आड़े हाथों, कहा- उनके पास कोई ग्रंथ नहीं है

Shankaracharya Nischalananda Saraswati: शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती इन दिनों बिलासपुर प्रवास पर है. बुधवार को शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के धर्मसभा का आयोजन बिलासुर के सीएमडी कॉलेज में हुआ. इस दौरान उन्होंने आरएसएस पर जमकर हमला बोला.

Shankaracharya Nischalananda Saraswati: शंकराचार्य निश्चलानंद सस्वती महाराज ने RSS को लिया आड़े हाथों, कहा- उनके पास कोई ग्रंथ नहीं है

Shankaracharya Nischalananda Saraswati: शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती इन दिनों बिलासपुर (Bilaspur) प्रवास पर हैं. बुधवार को शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती के धर्मसभा का आयोजन बिलासुर के सीएमडी कॉलेज में हुआ. इस दौरान उन्होंने आरएसएस (RSS) पर जमकर हमला बोला. धर्मसभा में शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि, RSS के पास कोई ग्रंथ नहीं है. किसी के पास बाइबल है तो किसी के पास कुरान है. लेकिन आरएसएस के पास कुछ भी नहीं है.

हिंदू को न जानने वाले खतरे में हैं- शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती 

शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि, "भारत हिंदू राष्ट्र है. सब के पूर्वज सनातनी हैं. हिंदू खतरे में नहीं है, बल्कि हिंदू को ना जानने वाले और न मानने वाले खतरे में हैं. धर्म के सीमा के बाहर राजनीति नहीं होनी चाहिए. राजनीति का अर्थ होता है राजधर्म, जो प्रशासक होता है उसका धर्म होता है कि प्रजा के हित में अपने जीवन का अनुपालन और उपयोग करना. उसी का नाम राजनीति है. लेकिन धार्मिक जगत में हस्तक्षेप करके मठ मंदिरों की मर्यादा को विकृत कर राजनीति नहीं, राजनीति के नाम पर उन्माद है".

RSS के पास कोई ग्रंथ नहीं है
शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने बताया कि जब वो दिल्ली में पढ़ाई करते थे उस समय आरएसएस के सारे संचालक उनके बड़े भाई के पास आते थे. उन्होंने आगे कहा कि वे किसी भी संगठन का विरोध नहीं कर रहे हैं. लेकिन आरएसएस के पास कोई भी ग्रंथ नहीं है. अगर वो काम भी करेंगे तो किस आधार पर करेंगे. क्योंकि और भी जितने संगठन है उनके पास कोई न कोई ग्रंथ है. किसी के पास बाइबल तो किसी के पास कुरान. लेकिन आरएसएस ही एक ऐसा संगठन है जिसके पास कोई ग्रंथ नहीं है. शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि हिंदू खतरे में नहीं है, बल्कि हिंदू को ना जानने वाले और न मानने वाले खतरे में हैं.  

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