Shivraj Cabinet Reshuffle: CM शिवराज की कैबिनेट का विस्तार हो गया है. गौरी शंकर बिसेन, राजेंद्र शुक्ला औ राहुल सिंह लोधी ने शनिवार सुबह राज भवन में मंत्री पद की शपथ ली.
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Shivraj Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (mp assembly elections 2023) से पहले शिवराज कैबिनेट के विस्तार की अटकलें सच में तब्दील हो गई हैं. शनिवार सुबह भोपाल स्थित राजभवन में मंत्रि परिषद शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हुआ. राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने तीन विधायकों- गौरी शंकर बिसेन, राजेंद्र शुक्ला औ राहुल सिंह लोधी को मंत्री पद की शपथ दिलाई.
गौरीशंकर बिसेन: प्रदेश की राजनीति में बिसेन काफी पुराना चेहरा हैं. महाकौशल और OBC वर्ग को साधने के लिए पार्टी ने बड़ा फैसला लिया और 7वीं बार बालाघाट से विधायक गौरीशंकर बिसेन को मंत्रिमंडल में जगह दी. फिलहाल बिसेन पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष हैं. वे छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे.
चुनाव से पहले क्यों हुआ शिवराज कैबिनेट विस्तार
राजेंद्र शुक्ला
ब्राह्मण वर्ग और विंध्य क्षेत्र को साधन के लिए पार्टी ने रीवा सीट से चार बार के विधायक राजेंद्र शुक्ला पर दांव चलते हुए उन्हें कैबिनेट में जगह दी है. राजेंद्र 2003 में पहली बार विधायक बने थे और तब से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं.
राहुल सिंह लोधी
बुंदेलखंड और OBC वर्ग का ध्यान रखते हुए पार्टी ने टीकमगढ़ जिले की खरगापुर से विधायक राहुल सिंह लोधी को भी कैबिनेट में जगह दी है. राहुल पहली बार मंत्री बने हैं. उमा भारती के करीबी और रिश्तेदार राहुल लोधी को जगह देकर पार्टी ने कहीं न कहीं लोधी वोट और उमा भारती को साधने की कोशिश भी की है.
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विभागों को लेकर लगाए जा रहे कयास
शपथ ग्रहण समारोह के बाद अब नए मंत्रियों के विभाग को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि किसे कौन सा विभाग दिया जा सकता है.
नामों पर फंसा था पेंच
तीन दिनों से कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं जारी थीं. गौरीशंकर बिसेन और राजेंद्र शुक्ला का नाम फाइनल हो चुका था, लेकिन तीसरे नाम में पेंच फंसा हुआ था. राहुल लोधी और जालिम पटेल के नाम को लेकर कहीं न कहीं पार्टी के नेताओं मे द्वंद था.
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बता दें कि प्रदेश में CM समेत कुल 35 पद हैं. इनमें से वर्तमान में सीएम को मिलाकर कुल 31 मंत्री हैं, जबकि चार पद खाली थे. इनमें से तीन पदों पर विधायकों ने शपथ ले ली है. हाल ही में BJP के वरिष्ठ विधायक पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को सरकार ने राज्य स्तरीय दीनदयाल अंत्योदय कार्य-समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है. इसके जरिए राज्य सरकार ने रामपाल सिंह को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया है.