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भोपाल: कांग्रेस नेता अधीर रंजन (Adhir Ranjan Statement) की टिप्पणी पर जमकर सियासत हो रही है. मामले को लेकर एमपी के सीएम शिवराज सिंह (Shivraj Singh) ने भी कांग्रेस और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को खूब खरी खोटी सुनाई. सीएम शिवराज ने ट्वीट कर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस (Congress) के नेता अधीर रंजन जी ने अपने बयान से देश के सर्वोच्च पद का अपमान किया है. यह उनकी और उनकी पार्टी की निकृष्टतम मानसिकता का प्रकटीकरण है. उनका यह बयान आदिवासी विरोधी है, महिला विरोधी है. राष्ट्रपति किसी भी पार्टी का नहीं, बल्कि सम्पूर्ण देश का होता है.
कांग्रेस पर शोषण करने के आरोप
सीएम शिवराज ने कहा कि कांग्रेस की सदैव यह नीति रही है कि जनजातीय वर्ग का उत्थान न हो. कांग्रेस ने अपने कुसंस्कारों से, दिशाहीन राजनीति से जनजातीय समाज का शोषण ही किया है. सोनिया गांधी और कांग्रेस के तमाम नेता ये बर्दाश्त ही नहीं कर पा रहे हैं कि देश की राष्ट्रपति अब आदिवासी वर्ग से हैं और उनके विरोध के लिए स्तरहीन शब्दों का और बयानों का प्रयोग कर रहे हैं.
सोनिया गांधी पर लगाए आरोप
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मैं सोनिया गांधी जी से पूछना चाहता हूं कि आपके नेता ऐसे अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं, तो क्या आप भी उनके विचारों से सहमत हैं? देश यह जानना चाहता है. महामहिम राष्ट्रपति के लिए भारतीय इतिहास में ऐसा निंदात्मक कृत्य किसी ने नहीं किया है. सोनिया जी सहित कांग्रेस को सदन में देश से माफी मांगनी चाहिये.
क्या कहा था कांग्रेस नेता ने?
हर तरफ से हो रही किरकिरी के बाद भी कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी अपनी बात पर अड़े हैं. उनका कहना है कि माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं है. मैंने गलती से इस शब्द का इस्तेमाल कर दिया था. अब अगर आप मुझे इसके लिए फांसी देना चाहते हैं, तो आप कर सकते हैं . मामला शुरू हुआ जब सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के लिए राष्ट्रपति नहीं, ‘राष्ट्रपत्नी’ शब्द का इस्तेमाल कर रहा थे. दरअसल कांग्रेस के एक प्रदर्शन के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि हिन्दुस्तान की राष्ट्रपति जी सबके लिए हैं. राष्ट्रपति जी नहीं राष्ट्रपत्नी जी... हिन्दुस्तान की राष्ट्रपत्नी जी सबके लिए हैं, हमारे लिए क्यों नहीं. इसके बाद से विपक्ष हमलावर हो गई और आरोप लगाने लगी कि जिस तरह ‘राष्ट्रपत्नी’ शब्द पर जोर दिया है, उससे लगता है कि कांग्रेस आदिवासी महिला को राष्ट्रपति के रूप में स्वीकार नहीं कर रही.