Mahakal Corridor Ujjain: महाकाल मंदिर के बाहर दुकान लगाने वाले 9 दुकानदारों ने दुकान अलॉट को लेकर हाईकोर्ट से स्टे लिया है. जिसके चलते प्रशासन आगामी आदेश तक दुकान अलॉट नहीं कर सकता है.
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राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन: श्री महाकालेश्वर मंदिर (Mahakal temple) के आस पास चले रहे मंदिर विस्तारीकरण के कार्यों में नवंबर माह वर्ष 2021 में मंदिर के सामने अधिग्रहण किए गए करीब 11 मकानों और उसमें संचालित होने वाली 9 दुकानों के मामले में नया मोड़ आया है. बता दें कि महाकाल महालोक में बनी दुकानों की नीलामी पर मंदिर के बाहर दुकान लगाने वाले 9 दुकानदारों ने न्यायिक स्टे लिया है. जिसके चलते आगामी आदेश तक प्रशासन अलॉट नहीं कर सकेगा. सिर्फ नीलामी की प्रक्रिया को निभा सकेगा.
जानिए पूरा मामला
दरअसल मंदिर के सामने के मकानों का अधिकृहण कर 9 दुकानों को विस्तारीकरण के कारण हटाया गया था और दुकानदारों में प्रभात शर्मा, ऋषभ यादव, नीलांबर यादव का कहना है कि उन्हें प्रशासन द्वारा मौखिक रूप से कहा गया था कि लागत मूल्य पर श्री महाकाल महालोक में बन कर तैयार होने वाली दुकानें प्राथमिकता पर आपको देगें. इसी विश्वास में दुकानदारों आ गए. अब जब प्रशासन दुकानों की नीलामी करने लगा और दुकानदारों को दुकानें नहीं मिली तो सभी 9 दुकानदार इंदौर हाईकोर्ट से न्यायिक स्टे ले आएं. श्री महाकाल महालोक में हो रही दुकानें नीलामी पर रोक लगवा दी. हालांकि न्यायालय ने नीलामी प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है. सिर्फ दुकानें अलॉट करने पर रोक लगाई है. हाईकोर्ट ने कहा कि प्रक्रिया चलती रहे लेकिन अंतिम रूम कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं दिया जाए. अब मामले में न्यायालय 13 फरवरी को सुनवाई करेगा. वहीं दुकानदारों का कहना है कि हमे विश्वास अनुसार दुकानें प्राथमिकता पर दी जाएं, क्योंकि जिनके मकान थे उन्हें तो मुआवजा दे दिया, हम दुकानदार कहां जाएं.
मौखिक रूप से प्रशासन ने किया था आश्वस्त
आपको बता दें कि उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने वाले दुकानदार प्रभात शर्मा ने बताया कि प्रशासन द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण के दौरान कुल 11 मकानों के अधिग्रहण की बात सामने आई अधिग्रहण हुआ भी. उसमें संचालित 9 दुकानें भी हटा दी गई. उस समय प्रशासन ने दुकानदारों को मौखिक आश्वस्त किया था कि जब भी श्री महाकाल लोक में दुकानें बनाई जाएंगी तो जिसकी दुकानें हटाई गई है, उन्हें लागत मूल्य पर दुकानें दी जाएंगी. यूं तो कुल 29 दुकानें मंदिर के सामने से हटाई गई है. प्रभात शर्मा ने कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला कि प्रशासन दुकानों की नीलामी कर रहा है. ऐसे में नीलामी प्रक्रिया के विरोध में दुकानदारों ने मिलकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. जिस पर उच्च न्यायालय ने नीलामी को लेकर आदेश जारी किया है और अंतिम रूप देने पर रोक लगाते हुए स्टे प्रदान किया.
जानिए क्या कहा स्टे लाने वाले दुकानदार ने!
स्टे लाने वाले दुकानदार प्रभात शर्मा व नीलांबर यादव ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि 25 नवंबर 2021 को दुकानें हटाई गई थी. जिसमें करीब 29 दुकानदार अधिक प्रभावित हुए थे, इनमें से 9 दुकानदारों ने याचिका दायर की थी जिस पर न्यायालय ने स्टे प्रदान किया. जाहिर है कि न्यायालय का स्टे आने के बाद अब श्री महाकाल लोक की दुकानों की नीलामी कार्यवाही भले चलती रहेगी. लेकिन अंतिम रूप नहीं दिया जा सकेगा और हमारी यही मांग है कि हमे प्राथमिकता दी जाए, क्योंकि पूर्व में कोरोना काल के कारण हम 2 साल से धंधा नहीं कर पाए. फिर निर्माण कार्य शुरू हो गए तो दुकानें हटा दी. हम परिवार कैसे पाले बेरोजगार हो गए. अब 13 फरवरी व उसके बाद जो भी सुनवाई हो हमें दुकानें दी जाए. हम नीलामी में जो बोली लग रही है 20 लाख से शुरू ये तो करोड़ों पर पहुंचेगी हम कहां से लाएंगे इतना पैसा.
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