Somvati Amavasya 2023: भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास में हर दिन और तिथि का अपना महत्व है. इस पार सोमवती अमावस्या कब पड़ेगी और क्या है इसकी पूजा विधि, जानने के लिए पढ़िए ये खबर...
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Somvati Amavasya 2023 Date: हिंदू धर्म में किसी भी महीने के कृष्णपक्ष में पड़ने वाली तारीख को अमावस्या कहते हैं. हिंदू धर्म में इस तिथि को पितरों की पूजा और धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए बहुत ही फलदायी माना गया है. अमावस्या तिथि का महत्व तब और ज्यादा बढ़ता है, जब ये श्रावण मास में पड़ती है. इस बार श्रावण मास की अमावस्या पर सोमवार के दिन का संयोग भी जुड़ गया है. तो आईये जानते हैं, सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व...
कब लगेगी अमावस्या/ शुभ मुहूर्त
दैनिक पंचांग के मुताबिक, सावन की सोमवती अमावस्या 16 जुलाई को देर रात 10 बजकर 8 बजे से शुरू होगी, और 18 जुलाई को देर रात 12 बजकर 1 मिनट पर खत्म होगी. यानी 17 जुलाई को सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी. इस साल श्रावण अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ रही है, इसलिए इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है.
जानिए पूजा विधि
सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म काल में उठें, और भगवान शिव का नाम लेकर दिन की शुरुआत करें. सुविधा के अनुसार नदी में स्नान करें.
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- सबसे पहले जल में काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्ध्य दें.
- फिर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें.
- पंचोपचार कर महादेव की पूजा फल, फूल, भांग, धतूरा, बेलपत्र आदि से करें.
- पूजा करते समय भगवान शिव का अभिषेक गंगाजल से जरूर करें
- शिव चालीसा, शिव स्त्रोत का पाठ और शिव मंत्र का जाप करें.
- पूजा समापन के बाद ब्राह्मणों के दक्षिणा जरूर दें.
कैसे मिलेगा अमावस्या का फल?
पौराणिक मान्यता के मुताबिक अमवास्या के दिन स्नान, दान, जप-तप करना चाहिए. साथ ही नदी में जाकर स्नान जरूर करना चाहिए. संभव नहीं है तो आप नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद जरूरतमंद लोगों को कुछ न कुछ दान जरूर करें.
सोमवती अमावस्या का उपाय
हिंदू मान्यता के मुताबिक जो सोमवती अमावस्या वाले दिन पीपल की सेवा करता है, उसकी जड़ में जल चढ़ाता है उसे भगवान विष्णु, भगवान शिव, और भगवान ब्रह्मा जी का आशीर्वाद मिलता है. इसके साथ ही सोमवती अमावस्या के दिन दूध में काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें. कहा जाता है कि सोमवती के दिन कोई व्यक्ति अगर पितरों का तर्पण करता है या फिर उनके लिए पिंडदान करता है तो उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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