हिंदी पंचाग के अनुसार साल का पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल की रात्रि 12 बजकर 15 मिनट से लगेगा जो 1 मई की सुबह 4 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा. इस ग्रहण में इन चार राशि वाले जातकों को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है. आइए जानते हैं कौन- सी है वो चार राशि ?
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शुभम शांडिल्य/नई दिल्लीः ज्योतिषशास्त्र में ग्रह नक्षत्र का विशेष महत्व है. ग्रह नक्षत्रों के स्थान परिवर्तन के हिसाब से भविष्य में घटित होने वाली घटनाओं के बारे में पता लगाया जा सकता है. ऐसे में हिंदी पंचांग के अनुसार 30 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है. इस बार सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगेगा. जिसकी वजह से कुछ राशि वालों पर इसका प्रभाव नकारात्मक जबकि कुछ राशि वालों पर इसका प्रभाव सकारात्मक रहने वाला है. शनिवार के दिन ग्रहण लगने से इस बार शनिचरी अमावस्या का योग बन रहा है. सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल की रात्रि 12 बजकर 15 मिनट पर लगेगा जो 1 मई को सुबह 4 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा. आइए ज्योतिषाचार्यों के अनुसार जानते हैं कि कौन-कौन सी राशि वालों को ग्रहण के दौरान सभंल कर रहना है.
इन राशि वालों को रहना होगा सावधान
मेषः 30 अप्रैल को शनिचरी अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण मेष राशि मे लगने की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित इस राशि के जातक होंगे. ऐसे में मेष राशि के जातक को शत्रुओं सावधान रहना होगा. मेष राशिवालों की दुर्घटना होने की संभावना है, इसलिए ग्रहण के दौरान यात्रा करने से बचना चाहिए. किसी भी कार्य को धैर्य से करें नहीं तो परेशान हो सकते हैं. ग्रहण काल में गायत्री मंत्र का जाप करें.
कर्कः कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है. ग्रहण के दौरान चंद्रमा मेष में राशि में राहु के साथ विराजमान रहेंगे. जिसकी वजह से मन में तरह-तरह की नकारात्मकता आएगी. अनावश्यक खर्चों में वृद्धि होगी. ग्रहण के दौरान इस राशि के जातक को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र का जाप करने से ग्रहण का दोष दूर नहीं लगता है.
वृश्चिकः सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि वालों को सावधान रहने की जरूरत है, कुछ भी बोलने से पहले सोच-विचार कर लें, विवादों में उलझने से बचें, शत्रु पक्ष से विशेष सतर्क रहें, जरा सी लापारवाही के चलते पद प्रतिष्ठा पर आंच आ सकती है. ग्रहण के दौरान खाने-पीने से बिलकुल परहेज करें और मन में गायत्री मंत्र का जाप करें.
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धनुः शुत्रु विश्वासघात कर सकते हैं. किसी भी गोपनीय जानकारी को दूसरों से साझा करने से बचें. कार्यों में लापारवाही के चलते ऑफिस में वरिष्ठ अधिकारियों से मतभेद हो सकता है. अतः ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतें, जरूरी न हो तो इस समय यात्रा न करें.
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ग्रहण दोष मुक्ति के उपाय
30 अप्रैल का साल का पहला सूर्यग्रहण लग रहा है. इस दौरान मेष, कर्क, वृश्चिक और धनु राशि वालों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है. ग्रहण की समाप्ति 1 मई की सुबह 4 बजकर 7 मिनट पर होगी. ग्रहण समाप्ति के बाद ग्रहण दोष से मुक्ति के लिए घर की साफ-सफाई करने के बाद स्नान-दान जरूर करें. यदि आवश्यक हो पवित्र नदी या तालाब में स्नान करें. ग्रहण खत्म होने के बाद घर के मंदिर में रखी देवी-देवताओं की प्रतिमा पर गंगा जल छिड़कर कर पवित्र करें. ग्रहण के समय यदि घर में पका हुआ खाना रखा हो तो उसे जानवर को खिला दे.
disclamer: उपरोक्त दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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