सूरज राय 'सूरज' के अनेक गजलें, गीत और कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. जिनमें धुआं धुआं सूरज, मैं तुम्हारा चेहरा और एहसास हूं मैं जैसे गजल संग्रह प्रमुख हैं.
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प्रमोद सिन्हा/खंडवाः देश में साहित्य जगत का प्रतिष्ठित तुलसी माखन सम्मान इस बार मशहूर गीतकार और गजलकार सूरज राय सूरज को दिया गया है. बता दें कि तुलसी माखन सम्मान का इतिहास करीब 100 साल पुराना है. प्रसिद्ध पत्रकार और साहित्यकार माखनलाल चतुर्वेदी ने साल 1925 में तुलसी माखन सम्मान की शुरुआत की थी. उसके बाद से ही हर साल खंडवा में यह पुरस्कार प्रतिष्ठित साहित्यकारों को दिया जा रहा है.
इस बार खंडवा के माणिक्य स्मारक वाचनालय में तुलसी माखन समिति ने यह सम्मान वीर रस के कवि सूरज राय को दिया. सूरज राय जबलपुर के निवासी हैं और देशभर में अपनी वीर रस की कविता और गजलों के लिए जाने जाते हैं. तुलसी माखन सम्मान के दौरान कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया, जिसमें देश के कई प्रतिष्ठित साहित्यकारों, कवियों ने शिरकत की.
बता दें कि सूरज राय सूरज के अनेक गजलें, गीत और कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. जिनमें धुआं धुआं सूरज, मैं तुम्हारा चेहरा और एहसास हूं मैं जैसे गजल संग्रह प्रमुख हैं. मीडिया से बात करते हुए सूरज राय सूरज ने कहा कि आज के दौर में कवि और कवि सम्मेलन अर्थ से जुड़ गए हैं, इसलिए कविता और साहित्य में गिरावट आ रही है. वीर रस की कविताओं के पाकिस्तान पर केंद्रित रहने वाले कवियों पर भी सूरज राय ने कटाक्ष किया और कहा कि जिस दिन पाकिस्तान खत्म हो जाएगा उस दिन वीर रस के अधिकतर कवि बेरोजगार हो जाएंगे.
कोरोना महामारी के दौरान सूरज राय सूरज करीब एक माह तक दिल्ली में फंसे रहे थे. कोरोना लॉकडाउन के दौरान उन्होंने जो दर्द महसूस किया, उसे रचनाओं के माध्यम से लोगों को बताया. सूरज राय सूरज 15 अगस्त को लालकिले पर होने वाले कवि सम्मेलन में भी शिरकत कर चुके हैं.