जहां कभी श्रीकृष्ण को मिला था ज्ञान! आज वहीं महाकाल ने 'कृष्ण' को मिलाया बिछड़ा बेटा
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जहां कभी श्रीकृष्ण को मिला था ज्ञान! आज वहीं महाकाल ने 'कृष्ण' को मिलाया बिछड़ा बेटा

Ujjain News: बाबा महाकाल के दरबार में जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर पहुंचता है बाबा उसकी इच्छा पूरी करते हैं. यहां लोगों को मुंह मांगा वरदान मिलता है, वहीं कइयों के कष्ट हर जाते हैं. एक बार फिर ऐसा ही कुछ हुआ जब यूपी से आए श्रद्धालु को 5 माह पहले खोया उनका बेटा मिल गया.

जहां कभी श्रीकृष्ण को मिला था ज्ञान! आज वहीं महाकाल ने 'कृष्ण' को मिलाया बिछड़ा बेटा

Ujjain News: राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन। कहते हैं बाबा महाकाल के धाम से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटता है. कोई अपनी मनोकामनाएं लिए आता है तो कोई मनोकामनाएं पूर्ण होने पर बाबा के दर्शन को पहुंचता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें बाबा हाथों-हाथ आशीर्वाद देते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ उत्तरप्रदेश से बाबा के दर्शन करने आए श्रद्धालु के साथ, जिन्हें 5 माह पहले बिछड़ा हुआ बेटा. बाबा महाकाल की नगरी में मिल गया.

श्रीकृष्ण को मिला बेटा
उत्तरप्रदेश से कुछ श्रद्धालु श्रीकृष्ण बाबा के धाम दर्शन कर शहर के एक आश्रम में अपने बेटे को ढूंढने पहुंचे. जैसे ही उन्हें वहां 5 माह पूर्व खोया हुआ बेटा मिला. उसे देख बच्चे के पिता की आंखे नम हो गई और उसे गले लगा लिया. मानों भगवान ने पिता पुत्र को मिला दिया हो.

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कैसे बच्चे तक पहुंचे पिता
पंकज के पिता श्रीकृष्ण उत्तर प्रदेश में पवन समाधिया नाम के व्यक्ति के खेत मे काम करते थे. पवन समाधिया उज्जैन दर्शन के लिए आ रहे थे. उन्होंने सोचा की पंकज के पिता को साथ में महाकाल के दर्शन को लेकर जाऊ और महाकाल के दर्शन करने के पंकज के लिए प्रार्थना करें. फिर क्या दोनों महाकाल के दरबार में पहुंचे और बाबा ने हाथो-हाथ मुराद पूरी कर दी.

घायल हालत में मिला था बच्चा
सेवाधाम आश्रम संचालक ने बताया कि युवक का नाम पंकज है जो कि घायल अवस्था में 29 जुलाई 2022 को शहर की हीरा मिल की चाल रोड पर मिला था और उसे हम आश्रम ले आए थे. परिजनों ने कहा कि बेटा ट्रेन से गिर गया था, जिसके बाद से हम लगातार उस को ढूंढने का प्रयास कर रहे थे. बाबा महाकाल का ही आशीर्वाद है कि आज हमें हमारा बेटा सुरक्षित मिल गया है.

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आश्रम कैसे पहुंचा बच्चा
चाईल्ड लाईन ने थाना देवास गेट पर सूचित किया था कि उन्हें एक बच्चा मिला है. इसके बाद उसे बाल कल्याण समिती को सौंप दिया था. समिति ने बच्चा सेवाधाम आश्रम द्वारा संचालित श्रीरामकृष्ण बालगृह में भेजा. पहले बच्चा अपने बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रहा था. कुछ दिनों बाद उसने बताया कि वो ट्रेन से गिर गया था, लेकिन उज्जैन कैसे पहुंचा पता नहीं, लेकिन उज्जैन पहुंचकर मैने अपने हाथों में महाकाल लिखवाया था इतना मालूम है.

आश्रम संचालक भी प्रसन्नता से भरे
सेवा धाम आश्रम संचालक सुधीर भाई गोयल संचालक हैं. सुधीर भाई बताते है कि एक बच्चा 29 जुलाई 2022 को शहर के हीरा मिल चाल के यहां सड़क पर जीर्णशीर्ण अवस्था में मिला था. उसे आश्रम लाये, तब से वो हमारे पास है. उसने खुद का नाम पंकज बताया था. आज उसने पिता को देखा तो वो काफी खुश हो गया. जब दोनों गले मिले तो मुझे बहुत प्रसन्नता हुई. पूरे वेरीफिकेशन के बाद लड़के के उसके परिजनों के साथ भेज दिया गया है.

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बच्चे के पिता ने जताया आभार
उत्तर प्रदेश से आये बच्चे के पिता श्रीकृष्ण ने बताया की जैसे ही हम सेवा धाम आश्रम में पहुंचे और बेटे का फोटो दिखाया तो आश्रम के लोगो बताया की बेटा उन्ही के पास है. इतना सुनते ही हमारी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. बेटे से मिला और उसे गले लगाया. बेटा भी बहुत खुश हुआ की हम लेने आ गए. हमने सेवा धाम आश्रम के संचालक सुधीर भाई को धन्यवाद किया कि आपने मेरे घर से भी ज्यादा अपने बालक समान सुरक्षा दी. 

700 लोगों को मिली है आश्रम में पनाह 
बता दें विगत 34 वर्षों से उज्जैन में सेवा धाम आश्रम में 700 से अधिक ऐसे दिव्यांग बुजुर्ग बच्चे असहाय लोग हैं जिनका कोई नहीं है और अगर कोई है भी तो उसका अता पता नहीं है. सेवा धाम आश्रम ऐसे ही लोगों की सेवा में निरंतर लगा रहता है.

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