महाकाल की नगरी में सिंहस्त मेला क्षेत्र में वर्षों से रह रहे 336 परिवार के पास मकान खाली करने का नोटिस मिला, जिसके बाद वे जिला कलेक्टर के पास न्याय के लिए गए और कहा कि हमारे पास अब मरने के अलावा कोई चारा नहीं है.
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राहुल सिंह राठौड़/उज्जैनः सिंहस्त क्षेत्र में सालों से रह रहे करीब 4 कॉलोनी के 336 परिवारों के पास निगम द्वारा मकान खाली करने का नोटिस पहुंचा, जिसके बाद वे घबरा गए और न्याय की गुहार के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. उन्होंने आरोप लगाया कि जिसने हमें मकान दिए, उन पर कार्रवाई करो हम कहां जाएंगे खाली करके, हमारी दोबारा मकान बनाने जमीन खरीदने की हैसियत नहीं है. अब और निगम से नोटिस मिले हैं, हमारे पास अब मरने के अलावा कोई चारा नहीं है. वहीं एसडीएम ने आवेदन लेकर जांच का आश्वासन दिया है.
हर 12 साल पर लगता है सिंहस्त मेला
गौरतलब है कि 12 वर्षो में एक बार बाबा महाकालेश्वर की नगरी में शिप्रा तट किनारे सिंहस्त मेले का आयोजन किया जाता है. वर्ष 2016 के बाद अब 2028 में मेला लगना है. ऐसे में क्षेत्र में हर बार जगह कम पड़ने लगती है, जिसकी मुख्य वजह है 12 साल तक खाली पड़ी रहने वाली सिंहस्त भूमि पर कुछ भ्रष्ट जिम्मेवारों की मदद से भुमाफिया अवैध कॉलोनीय काट कर मकान बेच देते हैं. जिसकी वजह से आम आदमी को परेशान होना पड़ता है. ऐसा ही मामला सिंहस्त की तैयारियों के बीच सामने आया है दोपहर में जिला कलेक्टर कार्यलाय पर सिंहस्त क्षेत्र के करीब 4 कॉलोनी के 336 परिवार के 1200 में से कुछ रहवासी पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई.
इसके पहले भी मिले थे नोटिस
बता दें कि आवेदन में रहवासियों ने लिखा कि सिंहस्त क्षेत्र बताकर हम गरीब परिवारों के सर से छत छीनने के यह नोटिस हमें मिले हैं. इसके पूर्व भी ऐसे नोटिस दिए गए थे. लेकिन हमने विरोध किया तो आगामी निगम चुनाव के कारण कार्रवाई रोक दी गई. अब दोबारा नोटिस हमें मिले हैं, जिससे हम परेशान हैं. रहवासियों ने कहा कि गुलमोहर कॉलोनी में सिंहस्त लगता ही नहीं है उसके बावजूद भी नोटिस दिए गए हैं. शासन से निवेदन है की जनभावनाओं की कद्र करते हुए नोटिस वापस लिए जाएं और सिंहस्त क्षेत्र से मुक्त कर इस कॉलोनी को वैध किया जाए.
जानिए क्या कहा रहवासियों ने
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में सअद कॉन्वेंट नाम से एक शासकीय स्कूल गुलमोहर कॉलोनी में स्थित है, जो शासकीय मान्यता प्राप्त है और स्कूल शिक्षा विभाग में पंजीकृत है, वर्तमान में आसपास के क्षेत्र के लगभग 200 बच्चे अध्यनरत हैं एवं 10 शिक्षक भी अपनी जीवन याचिका चलाने के लिए सेवारत हैं. अगर सिंहस्थ क्षेत्र बताकर (जबकि यहां कभी सिंहस्थ लगा ही नहीं) बीच सत्र में स्कूल का निर्माण तोड़ा जाता है तो 200 बच्चों का भविष्य अधर में आ जायेगा.
एसडीएम ने दिया आश्वासन
मौके पर रहवासियों की समस्या सुनने व ज्ञापन लेने पहुंचे एसडीएम जगदीश मेहर ने रहवासियों को जांच का आश्वासन देते हुए ज्ञापन लिया और कहा कि आपकी बात वरिष्ठ अधिकारीयों के सामने रख शासन तक पहुंचाई जायगी. हालांकि एसडीएम से सवाल किया कि कितने नोटिस पहुचायें, कितने रहवासी है तो उनके पास इसका डेटा नहीं था. उन्होंने कहा क्षेत्रीय टीम के साथ चर्चा कर निराकरण निकाला जाएगा.
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