Uma Bharti: मध्य प्रदेश की राजनीति (mp politics) का बड़ा चेहरा उमा भारती (uma bharti) का आज जन्मदिन है. मध्य प्रदेश में BJP की जड़ जमाने में उमा भारती का अहम रोल रहा है. वह मध्य प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री तो बनीं, लेकिन 8 महीने बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया. आज उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें.
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Uma Bharti Birthday 2023: मध्य प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री उमा भारती (mp first female cm)आज अपना 64वां जन्मदिन मना रही हैं. आज ही के दिन साल 1959 में MP के टीकमगढ़ में जन्मी उमा भारती (uma bharti) हमेशा अपने तीखे तेवर और बयानों को लेकर सुर्खियों में बनी रहती हैं. उमा भारती मध्य प्रदेश की राजनीति का ऐसा चेहरा और नाम हैं, जिसने 10 साल तक सत्ता पर काबिज रही कांग्रेस को हटाया और प्रदेश में BJP की जड़ें जमाईं. जड़ें भी ऐसी जमाईं की आज भी प्रदेश में BJP ही सत्ता पर काबिज है. बचपन से ही उन्होंने हिंदू धर्मग्रंथों का अध्ययन शुरू कर दिया था, जिसका प्रभाव आज भी उनके बयानों और विचारों में नजर आता है.
बचपन से आध्यात्म से लगाव
उमा भारती ने महज छठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है, लेकिन उन्हें बचपन से ही हिंदू धर्मग्रंथो का शौक था. उन्होंने बचपन से हिंदू धर्मग्रंथो का अध्ययन शुरू कर दिया था. वह चार भाई और दो बहनों में सबसे छोटी हैं. उमा अविवाहित हैं और उन्होंने अपना जीवन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगाने का व्रत लिया है. उमा अब तक तीन किताबें भी लिख चुकी हैं.
राम जन्मभूमि आंदोलन में प्रमुख भूमिका
उमा भारती (Uma Bharti) के राजनीतिक करियर की शुरुआत ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया के सानिध्य में हुई. राम जन्मभूमि आंदोलन में उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई. राम जन्म भूमि को बचाने के लिए उमा ने पार्टी से निलंबन के बाद भोपाल से लेकर अयोध्या तक की कठिन पद-यात्रा की. साध्वी ऋतंभरा के साथ मिलकर एक आंदोलन शुरू किया. जुलाई 2007, में रामसेतु को बचाने के लिए उमा भारती ने सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट के विरोध में 5 दिन तक भूख हड़ताल भी की.
उमा भारती का राजनीतिक सफर
उमा भारती ने अपना पहला लोकसभा चुनाव 1984 में लड़ा था, लेकिन वे हार गई थीं. 1989 में खजुराहो से उन्होंने दोबारा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 1991, 1996, 1998 में इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा. 1999 में वे भोपाल सीट से सांसद निर्वाचित हुईं. इसके साथ ही वाजपेयी सरकार में उन्होंने मानव संसाधन विकास, पर्यटन, युवा मामले एवं खेल और अंत में कोयला और खदान जैसे कई राज्य स्तरीय और कैबिनेट स्तर के पदों का कार्यभार संभाला.
साल 2003 में बनीं MP की पहली महिला मुख्यमंत्री
साल 2003. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय. 10 साल से राज्य की सत्ता पर राज कर रहे दिग्विजय सिंह की सत्ता को हटाने में उमा भारती की अहम भूमिका रही. प्रदेश से कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने के लिए BJP ने तत्कालीन कोयला मंत्री उमा भारती को मध्य प्रदेश BJP का अध्यक्ष बनाया. उमा ने तुरंत केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद प्रदेश में आकर BJP की ऐसी जड़ें जमाईं कि दिग्विजय सिंह की सत्ता का पत्ता साफ हो गया. प्रदेश में BJP की सरकार बनते ही उमा भारती को एमपी का सीएम बनाया गया. उमा भारती मध्य प्रदेश की पहली मुख्यमंत्री बनीं.
8 महीने बाद देने पड़ा इस्तीफा
उमा भारती को CM पद पर 8 महीने ही हुए थे कि इस बीच साल 1994 के एक मामले में उनके खिलाफ वारंट जारी हुआ. वारंट हुबली कोर्ट की ओर से जारी किया गया था. ऐसे में CM की कुर्सी पर बैठने के 8 महीने बाद ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
जानें क्या था मामला
15 अगस्त 1994 को उमा भारती कर्नाटक के हुबली के कित्तूर रानी चेनम्मा मैदान में तिरंगा फहराने गई थीं. इस ध्वजारोहण की वजह से हुबली में दंगा छिड़ गया था और 6 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद कर्नाटक पुलिस ने उमा के खिलाफ वारंट जारी किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. 17 वारंटों का जवाब नहीं देने के बाद उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ, जिसके बाद कर्नाटक पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उमा ने 23 अगस्त 2004 को अपने CM के पद से इस्तीफा दे दिया. उनके बादा बाबू लाल गौर को CM बनाया गया.
उमा ने छोड़ दी थी पार्टी
उमा भारती ने अपने पद से इस्तीफा देने का बाद BJP भी छोड़ दी थी। इसके बाद उन्होंने अपनी स्वतंत्र पार्टी बनाई. हालांकि, साल 2011 में एक बार फिर उन्होंने BJP में वापसी कर ली.