मां की याद में नहीं कराया मृत्युभोज, बल्कि किया ऐसा काम की हो गई इलाके में चर्चा
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मां की याद में नहीं कराया मृत्युभोज, बल्कि किया ऐसा काम की हो गई इलाके में चर्चा

मां की मौत के बाद मृत्युभोज में सीमित लोगों को खाना खिलाकर खरगोन  खामखेड़ा के गुर्जर परिवार ने स्कूल और मांगलिक भवन के लिए 4.50 लाख दान कर दिए.

मां की याद में नहीं कराया मृत्युभोज, बल्कि किया ऐसा काम की हो गई इलाके में चर्चा

खरगोन: खामखेड़ा स्थित एक गुर्जर परिवार ने मां की निधन पर मिसाल कायम की है. समाजसेविका स्व. फुंदाबाई और उनके पति पूनमचंद (रांड़वा) गुर्जर खामखेड़ा के निधन पर उनके बेटों ने मृत्युभोज को सीमित कर दिया. इसके स्थान पर उन्होंने गांव में स्कूल और मांगलिक भवन के लिए 4.50 लाख रुपए दान कर दिए.

मां की स्मृति रहेगी जिंदा
परिजन हरिराम शाह ने बताया की उनकी मां स्व. फुंदाबाई एक समाजसेविका थी, वो हमेशा समाज हित के कार्यो में लगी रहती थी. माता की निधन के बाद उनकी स्मति को जिंदा रखने के लिए उन्होंने ये निर्णय लिया. इससे मां की स्मृति जिंदा रहेगी साथ ही समाज को इसका लाभ लंबे समय तक मिलता रहेगा.

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4.50 लाख रुपए किए दान
स्कूल के लिए गुर्जर परिवार ने लगभग 2 लाख 51 हजार रुपए दान दिए. इसके अलावा रेवा गुर्जर मांगलिक भवन खामखेड़ा के निर्माण के लिए उन्होंने एक लाख और एक लाख रुपए अन्य सामाजिक कार्यों के लिए रुपए दान दिए हैं.

ऐसे ही समाज को नई दिशा मिलेगी
परिजनों ने गुर्जर महासभा के अध्यक्ष ताराचंद पटेल को कुल 4 लाख 51 हजार की दान राशि सौंपी. इसके लिए समाजसेवी रामु सेठ, राधेश्याम मोंतारी सहित सभी समाजसेवी ने स्व. फुंदाबाई के परिजनों का आभार जताया. गुर्जर परिवार की इस पहले के लिए क्षेत्र में उनकी बड़ाई हो रही है. लोगों ने कहा इसी तरह की पहले समाज को नई दिशा मिलेगी.

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