मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में इस आयोजन का समापन कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Bandhvagarh Tiger Reserve) में हुआ. देश में वन्य जीव सप्ताह मनाने का प्रमुख उद्देश्य बाघों का संरक्षण करना है.
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विमलेश मिश्रा/ मंडला: बाघों (Tiger) की सुरक्षा के लिए पूरे भारत में समय समय पर कई तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं. देशभर में 18 राज्य हैं जहां बाघ पाए जाते हैं. इन सभी जगह पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत वन्य प्राणी संरक्षण सप्ताह (Wildlife Week) मनाया गया. मध्यप्रदेश में इस आयोजन का समापन कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Bandhvagarh Tiger Reserve) में हुआ. देश में वन्य जीव सप्ताह मनाने का प्रमुख उद्देश्य बाघों का संरक्षण करना है. इसके साथ ही भारतीय वन्यजीवों, पक्षियों, स्तनधारि जैसे प्राणियों का संरक्षण करना है और प्राकृतिक महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करना है.
बाधों के संरक्षण की ओर एक कदम
बता दें वन्यजीव सप्ताह हर साल भारत में 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक मनाया जाता है. केंद्र और राज्य सरकारों, पर्यावरणविदों, कार्यकर्ताओं और शिक्षकों का इसमें महत्वपूर्ण योगदान है. इसलिए देश में कई सम्मेलनों, जागरूकता कार्यक्रमों और प्रकृति प्रेमियों के बीच सार्वजनिक बैठकों का आयोजन किया जाता है. इसका उद्देश्य है वन्य प्राणी खासतौर पर बाधों के संरक्षण की ओर एक कदम और आगे बढ़ाया जाए.
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कब हुई शुरुआत
वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य देन है. भविष्य में वन्य प्राणियों के बचाव को देखते हुए भारत में सबसे पहले 7 जुलाई, 1955 को ‘वन्य प्राणी दिवस’ मनाया गया था. इसी दिन ये भी तय किया या कि हर साल 2 अक्तूबर से एक हफ्ते वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा, जिसके बाद से साल 1956 से वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है.
मंडला जिले में जागरूकता अभियान
घरती पर मनुष्य और जानवर, जीव जन्तु इनमें से एक भी प्रजाति का वजूद खतरे में पड़ जाए तो संतुलन बिगड़ जाता है. इन्हीं सब बातों को लेकर कान्हा टाइगर रिजर्व ने देश में लुप्त हो रहे बाघों को संरक्षित करने के उद्देश्य से पूरे सप्ताह मंडला जिले में जागरूकता अभियान चलाया, जिसमें बाघों को बचाने के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक ने हिस्सा लिया.
इन्हीं सब को लेकर कान्हा टाइगर रिजर्व में आयोजित वन्यप्राणी सुरक्षा सप्ताह का ग्राम खटिया स्थित ईको सेन्टर में समापन हुआ. इस मौके पर कई शालाओं और महाविद्यालय के छात्र/छात्राओं ने भाग लेकर वन्यप्राणी संरक्षण के महत्व को समझा और समझाया.इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यकम भी रखे गए.
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