डाकुओं के लिए पहचाने जाने वाले भिंड के युवा का रणजी टीम में सिलेक्शन, मंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई
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डाकुओं के लिए पहचाने जाने वाले भिंड के युवा का रणजी टीम में सिलेक्शन, मंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई

डाकुओं के आतंक से पहचाने जाने वाले भिंड में बदलाव की बयार जारी है. यहां एक तरफ युवा देश की सेवा के लिए सुरक्षाबलों में जा रहे हैं तो वहीं भिंड के एक युवा का रणजी टीम में सिलेक्शन हुआ है. युवा की उपलब्धि पर मंत्री अरविंद भदौरिया ने ट्वीट कर बधाई दी है.

 

डाकुओं के लिए पहचाने जाने वाले भिंड के युवा का रणजी टीम में सिलेक्शन, मंत्री ने ट्वीट कर दी बधाई

प्रदीप शर्मा/भिंडः डाकुओं के आतंक से पहचाने जाने वाले भिंड में बदलाव की बयार जारी है. यहां एक तरफ युवा देश की सेवा के लिए सुरक्षाबलों में जा रहे हैं तो वहीं भिंड के एक युवा का रणजी टीम में सिलेक्शन हुआ है. युवा की उपलब्धि पर मंत्री अरविंद भदौरिया ने ट्वीट कर बधाई दी है. भिंड के एक छोटे से गांव से निकले क्रिकेट खिलाड़ी सुमित कुशवाह का चयन रणजी के लिए मध्यप्रदेश की टीम में हुआ है. उनकी इस उपलब्धि ने जिले के साथ परिवार का नाम भी रोशन किया है. सुमित की उपलब्धि से न सिर्फ उनका परिवार खुश है, बल्कि जिला प्रशासन के साथ ही प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने भी ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है. 

मध्यम परिवार से आते हैं सुमित
दरअसल भिंड के मेहगांव क्षेत्र के अड़ोखर गांव में रहने वाले सुमित एक मध्यम परिवार से हैं. इनके पिता LIC में कर्मचारी हैं, और माता गृहणी हैं, सुमित कुशवाह को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था, जब थोड़े बड़े हुए तो उन्होंने पिता से क्रिकेट ट्रेनिंग की बात कही. पिता ने पहले संकोच किया, वो चाहते थे कि वह पढ़ लिखकर डॉक्टर या इंजीनियर बने, लेकिन बेटे की खुशी देखकर स्थानीय खेल प्रशिक्षक से मिले और क्रिकेट अकादमी में उसे दाखिला दिला दिया. यहीं से सुमित का एक नया सफर शुरू हुआ. 

जानिए कैसे हुआ रणजी ट्राफी में सिलेक्शन
सुमित ने बताया कि वे पिछले आठ वर्षों से क्रिकेट खेल रहे हैं. वे जूनियर से लेकर अब सीनियर में खेलने लगे हैं. सुमित अंडर 16, 18, 19 और 23 के कई मैच में अपना उम्दा प्रदर्शन दिखाया. उन्होंने पिछले मैचों की पारी में 189 रन तक बनाये वह भी बिना आउट हुए. पिछले दो मैच में भी नॉटआउट दो शतक लगाए और एक अन्य मैच में अर्धशतकीय पारी खेली थी. इन्हीं सब मैचेस की वजह से सेलेक्टर्स ने रणजी ट्रॉफी के लिए एमपी की टीम में उन्हें खेलने का मौका दिया है.

सुमित का पूरा फोकस शुरू से ही क्रिकेट पर है. उन्होंने अपनी स्कूलिंग के बाद अब पूरा ध्यान अपने खेल पर केंद्रित कर लिया है. वे प्रतिदिन 6 घंटे ट्रेनिंग करते हैं, सुमित को इस ऊँचाई तक पहुंचने में उनके प्रशिक्षक रवि कटारे की भी मेहनत है. ट्रेनर कटारे मूलतः एमपी पुलिस के कर्मचारी हैं और खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देते हैं. उन्ही की देखरेख में सुमित ट्रेनिंग करते हैं. कोच कटारे कहते हैं कि कुछ बच्चों में खिलाड़ियों वाले गुण पैदाइशी होते हैं. कुछ ऐसा ही सुमित में भी शुरुआत में ही दिख गया था.

बचपने से ही था क्रिकेट का शौक 
सुमित ने समय के साथ साथ समझ और अपने खेल के प्रति लगन और रेगुलेरिटी से वह यहां तक पहुंचे हैं. सुमित के पिता शिवसिंह कुशवाह अपने बेटे की उपलब्धि से फूले नहीं समा रहे हैं. पिता शिवसिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि उनकी दिली इच्छा थी कि वह पढ़ाई पर ध्यान दें, लेकिन उसने बताया कि वो क्रिकेट खेलना चाहता है. ऐसे में सिर्फ यह विचार किया कि अगर वह अपने आप से कुछ करना चाहता है तो शायद ज्यादा अच्छे से करेगा. इसलिए सीधा क्रिकेट एकेडमी ले गये और कटारे सर से मुलाकात कर उसका दाखिला करा दिया. कुछ दिन बाद कोच मिले तो कहा कि लड़का बहुत छोटा है लेकिन 8 दिन बाद उनके सुर पूरे बदले हुए थे वे खुश होकर बोले आपका लड़का तो जबरदस्त स्ट्राइक है. धीरे-धीरे उसका खेल बेहतर हो रहा है, उसने हमारा नाम रौशन किया है.

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