बस्तर में नक्सलियों की क्रूरता- गोपनीय सैनिक के बुजुर्ग पिता को रस्सी से लटकाया, डंडे से पीटकर की हत्या
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बस्तर में नक्सलियों की क्रूरता- गोपनीय सैनिक के बुजुर्ग पिता को रस्सी से लटकाया, डंडे से पीटकर की हत्या

नक्सलियों ने पूरे गांव के सामने गोपनीय सैनिक के 60 वर्षीय पिता के गले में फंदा डालकर उसे लटकाया, फिर डंडे से पीट-पीट कर बुजुर्ग की हत्या कर दी. बुजुर्ग की बर्बरता से हत्या करने के बाद नक्सलियों ने गांव वालों को धमकी दी कि वे इसकी सूचना पुलिस को न दें.

बस्तर में गोपनीय सैनिक के बुजुर्ग पिता को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया.

बप्पी राय/बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में ग्रामीणों के नक्सलियों की क्रूरता का शिकार बनने का सिलसिला जारी है. बस्तर में नक्सलियों का बर्बर चेहरा एक बार फिर सामने आया है. बस्तर जिले के कटेकल्याण थाना क्षेत्र में पड़ने वाले मारजूम गांव में नक्सलियों ने एक गोपनीय सैनिक के बुजुर्ग पिता की निर्मम हत्या कर दी.

दंतेवाड़ा एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने इस घटना की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने पूरे गांव के सामने गोपनीय सैनिक के 60 वर्षीय पिता के गले में फंदा डालकर उसे लटकाया, फिर डंडे से पीट-पीट कर बुजुर्ग की हत्या कर दी. बुजुर्ग की बर्बरता से हत्या करने के बाद नक्सलियों ने गांव वालों को धमकी दी कि वे इसकी सूचना पुलिस को न दें.

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एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के मुताबिक डरे-सहमे ग्रामीणों ने बुजुर्ग के शव को चुपचाप दफना दिया. मृतक बुजुर्ग का नाम जगरा मंडावी था. उनके पुत्र दुलगा मंडावी गोपनीय सैनिक बन गए थे. इसलिए नक्सलियों ने बुजुर्ग पिता की हत्या कर दी. 

बुजुर्ग की हत्या की सूचना मिलने पर कटेकल्याण पुलिस ने एसडीएम से अनुमति मांग दफनाए गए शव को बाहर निकलवा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. दंतेवाड़ा एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने कहा कि पूरे बस्तर संभाग में पहली बार नक्सलियो ने इस प्रकार की वीभत्स हत्या को  अंजाम दिया है, जिसमें 62 वर्षीय वृद्ध को इतनी क्रूरता से मारा गया हो.

जानिए कौन होते हैं गोपनीय सैनिक?
नक्सली इलाकों में रहने वाले जो स्थानीय लोग पुलिस के लिए काम करते हैं उन्हें गोपनीय सैनिक कहते हैं. गोपनीय सैनिकों की राज्य सरकार की ओर से बकायदा पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों में नियुक्ति की जाती है. उन्हें अन्य पुलिसकर्मियों तथा सैनिकों की तरह तनख्वाह मिलती है.  

ये गोपनीय सैनिक विभिन्न नक्सली इलाकों में पहुंचकर आसपास की गतिविधियों की बारीकी से जानकारी हासिल कर पुलिस अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपते हैं. उनसे मिली सूचना के आधार पर पुलिस आगे की रणनीति तय करती है.

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