फरमान के मुताबिक जिले में अगर किसी भी व्यक्ति को सरकारी काम कराना है तो उसे वैक्सीन लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है.
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मंडला/विमलेश मिश्रः कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) को लेकर कई ग्रामीण इलाकों में कई भ्रांतियां फैली हुई हैं. ऐसे में अब लोगों के मन से इन भ्रांतियों को दूर करने और लोगों को कोरोना वैक्सीन का टीका लेने को प्रेरित करने के लिए मंडला जिले के एसडीएम ने अनोखा फरमान जारी किया है. इस फरमान के मुताबिक जिले में अगर किसी भी व्यक्ति को सरकारी काम कराना है तो उसे वैक्सीन लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है.
क्या है Mandla SDM का फरमान
बता दें कि मंडला (Mandla) जिले के एसडीएम पुष्पेंद्र अहाके ने आदेश दिया है कि जिस भी व्यक्ति ने कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है, वह उनसे यानी कि एसडीएम से, ना तहसीलदार से और ना ही पटवारी से मिल सकता है. इसका मतलब ये हो गया कि तहसील से कोई भी सरकारी काम कराने के लिए व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन लगवानी अनिवार्य है. तहसील में जाने पर व्यक्ति को टीकाकरण का सर्टिफिकेट दिखाना जरूरी होगा.
एसडीएम पुष्पेंद्र अहाके का कहना है कि लोगों में कोरोना वैक्सीन के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए यह आदेश जारी किया गया है. वहीं इस अभियान के बाद कई लोगों को तहसील से बैरंग लौटना पड़ रहा है. देखने वाली बात होगी कि एसडीएम के इस आदेश का क्या प्रभाव पड़ता है.
बता दें कि सरकार के स्तर पर लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरुक करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. सरकार के इन प्रयासों का ही असर है कि बीते सोमवार को प्रदेश में एक दिन में ही 16 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई. यह देश में एक दिन में सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड है. उम्मीद की जा रही है कि एमपी में अक्टूबर तक अधिकतर लोगों को कोरोना वैक्सीन लग जाएगी. हालांकि अभी भी कुछ ग्रामीण इलाकों में कोरोना वैक्सीन को लेकर कई तरह की भ्रांतियां मौजूद हैं. ऐसे में मंडला एसडीएम के इस आदेश से उम्मीद की जा रही है कि इलाके में कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो सकता है.