थम जाएंगे 'इतिहास' के पहिए
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थम जाएंगे 'इतिहास' के पहिए

मध्य प्रदेश के खंडवा से इंदौर तक चलने वाली पैसेंजर ट्रेन के पहिए थमने वाले हैं, नए साल से मीटर गेज पर चलने वाली ये ट्रेन बंद होने वाली है, पढ़िए पूरी ख़बर।

थम जाएंगे 'इतिहास' के पहिए

खंडवा: मध्य प्रदेश के खंडवा से इंदौर तक मीटर गेज पर चलने वाली पैसेंजर ट्रेन इतिहास का हिस्सा बनने जा रही है। 

ये ट्रेन खुद अपने आप में लंबा इतिहास समेटे हुए है। ये ट्रेन इतनी पुरानी है कि कई लोगों के जज़्बात भी इससे जुड़े हुए हैं इसीलिए इसके बंद होने पर लोग दुखी हैं। 

इस ट्रेन को नए साल से चलाना बंद कर दिया जाएगा। दरअसल रेलवे इस ट्रैक को मीटर गेज से ब्रॉड गेज में बदलने जा रहा है।

इसका काम भी शुरू हो चुका है जिसकी वजह से सालों से लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचा रही इस पैसेंजर ट्रेन के पहिए थम जाएंगे।

क्या है इतिहास?

डेढ़ सौ साल पहले हैदराबाद के निजाम और इंदौर के होलकर राजा ने उस समय अंग्रेजों को 10 लाख रु देकर इस मीटर गेज लाइन को डलवाया था।

निजाम चाहते थे कि उनकी रियासत के लोगों को अजमेर में ख्वाज़ा गरीब नवाज़ की दरगाह तक जाने की सुविधा मिल जाए। 

वहीं होल्कर राजा इंदौर को महाराष्ट्र होते हुए हैदराबाद तक कारोबार के नज़रिए से जोड़ना चाहते थे।

1866 में पहली बार हैदराबाद से इंदौर तक ये ट्रेन चली जिसे बाद में अजमेर तक बढ़ाया गया। 

मात्र 2 रुपये में गांव से शहर

अकेले खंडवा जिले से रोज़ाना औसत ढाई हजार यात्री इन ट्रेनों से सफर करते हैं, जो खंडवा से इंदौर के बीच दर्जनों गांव के लोगों के लिए जीवन रेखा की तरह थी।

सबसे अहम बात ये थी कि पैसेंजर ट्रेन होने की वजह से इसका किराया भी बहुत कम था महज़ दो रुपए अदाकर लोग गांव से शहर तक पहुंच जाते हैं।

आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि खंडवा से इंदौर तक का इसका किराया महज 25 रुपए है जबकि बस से जाने पर यही किराया 150 रुपये लगता है।

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