Advertisement
trendingPhotos/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2127031
photoDetails1mpcg

Khajuraho Dance Festival: फेस्टिवल के 5वें दिन मुग्ध हुए दर्शक, मंझे हुए कलाकारों ने जीता दिल

Khajuraho Dance Festival: मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी खजुराहो में चल रहे 50वें डांस फेस्टिवल के पांचवें दिन पंचानन भुयान, आराधना ओडिसी डांस फाउंडेशन, दिल्ली का छाऊ, पुणे का कथक, बैंगलोर का कुचिपुड़ी और दिल्ली का कथक देख दर्शक मुग्ध हो गए.

1/6

पहली प्रस्तुति में गुरु श्री पंचानन भुयान और उनके समूह का छाऊ ओडिसी नृत्य हुआ. श्री पंचानन ने अपने नृत्य की शुरुआत मंगलाचरण से की. शांताकारं भुजगशयनम श्लोक पर भगवान विष्णु को याद किया गया. मर्दल की ताल पर नर्तकों ने भाव प्रवण ढंग से यह प्रस्तुति दी. 

2/6

अगली प्रस्तुति में उन्होंने नृत्य और ताल के अनूठे संगम को पेश किया. रावण नृत्य नाटिका के एक अंश को इस प्रस्तुति में लिया गया था, जिसमें रावण शिव को प्रसन्न करने यज्ञ कर रहा है. इसमें ओडिसी के साथ मयूर भंज और छाऊ नृत्य शैलियों को भी समाहित किया गया था. इस प्रस्तुति में श्री पंचानन के साथ सुमित मंडल, दीपक कांदारी, जय सिंह, रोहित लाल ने भी नृत्य में साथ दिया. 

3/6

रतिकांत महापात्र की यह नृत्य रचना खूब पसंद की गई. उन्होंने नृत्य का समापन लोकनाथ पटनायक द्वारा रचित उड़िया के भक्ति गीत सजा कंजा नयना कुंजे आ री से किया. राग आहिरी और ताल खेमटा की यह रचना खूब सराही गई. नृत्य रचना गुरु पंचानन और सुश्री प्रिय सामंत राय की थी. 

4/6

इन प्रस्तुतियों में स्निग्ध शिखा पत्त जोशी, बनीता पंडा, इशिता गांगुली, सुदेशना दत्ता, आस्था पांडा, पूजित कटारी, सुमित मंडल, जय सिंह, दीपक कांदारी एवं रोहित लाल ने साथ दिया, जबकि मर्दल पर प्रफुल्ल मंगराज, गायन पर प्रशांत कुमार बेहरा, वायलिन पर गोपीनाथ, बांसुरी पर धीरज कुमार पाण्डे एवं मंजीरा पर प्रशांत कुमार मंगराज ने साथ दिया.

5/6

दूसरी प्रस्तुति पुणे की अमीरा पाटनकर और उनके साथियों की कथक नृत्य की रही. उन्होंने राम वंदना से अपने नृत्य का आरंभ किया. मंगलाचरण स्वरूप की गई इस रचना में सीता स्वयंवर सेतु लंघन, रावण दहन की लीला को सुश्री अमीरा व साथियों ने बड़े ही सलीके से नृत्य भावों से पेश किया. 

 

6/6

अगली प्रस्तुति चतुरंग की थी. राग देश की इस रचना में तराना सरगम, साहित्य, नृत्य के बोलों का अनोखा और सुंदर समन्वय देख दर्शक मुग्ध हो गए. अमीरा ने अगली प्रस्तुति में राग पीलू में निबध्द ठुमरी - "ऐसी मोरी रंगी है श्याम" पर भाव नृत्य पेश किया. इसके बाद त्रिविधा में शुद्ध नृत्य के कुछ तत्व दिखाए जिनमें परमेलु और नटवरी बोलों की अनूठी बंदिशें शामिल थी.