निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता के साथ एमजीएम के मुख्य ट्रस्टी जयदेव गुप्ता और डायरेक्टर डॉ. दीपशिखा अग्रवाल के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 420, 406, 120 (B) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
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रजनी ठाकुर/रायपुर: पूर्व आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एमजीएम ट्रस्ट के नाम पर ली गई 3 करोड़ राशि का दुरुपयोग करने के मामले में एफआईआर दर्ज की है. ये राशि 2006-07 में गरीबों के नि:शुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन कराने, शासकीय कर्मचारियों को विशिष्ठ चिकित्सा सुविधा का लाभ देने के साथ ही मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण देने के नाम पर सरकार से अनुदान के रूप में ली गई थी.
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ईओडब्ल्यू एसपी इंद्र कल्याण एलसेला ने बताया कि तथ्यों के आधार पर निलंबित आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता के साथ एमजीएम के मुख्य ट्रस्टी जयदेव गुप्ता और डायरेक्टर डॉ. दीपशिखा अग्रवाल के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 420, 406, 120 (B) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
पूर्व आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता पर एमजीएम ट्रस्ट के नाम पर 3 करोड़ रुपये राशि का गबन करने का आरोप है. उन्होंने ये राशि गरीबों के नि:शुल्क मोतियाबिंद इलाज करने के लिए लिया था, लेकिन इस राशि का प्रयोग कर उन्होंने बैंकों का कर्ज निपटाया था.
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जांच में यह बात भी सामने आई है कि पूर्व आईपीएस ने अपने तत्कालीन पद और पावर का इस्तेमाल करते हुए ट्रस्ट की कुर्की की कार्रवाई भी रुकवाई थी. इसलिए मुकेश गुप्ता के खिलाफ धोखाधड़ी और सरकारी पद का दुरुपयोग करने के लिए भी एफआईआर दर्ज की गई है.