जांजगीर मे निजी शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. आरके प्रसाद अपना क्लीनिक चालाते हैं. उनकी बेटी कोटा में पढ़ाई करती थी. राज्य सरकार की पहल के बाद अन्य छात्रों के साथ उनकी बेटी को भी वापस लाया गया था.
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प्रकाश शर्मा/जांजगीर चांपा: कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए लोगों से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है. लेकिन जांजगीर चांपा जिले में एक डॉक्टर ने ही नियमों की धज्जियां उड़ाई है. एसडीएम मेनका प्रधान ने बताया कि डॉक्टर आरके प्रसाद को 14 दिन के लिए होम क्वॉरंटीन में रहने के लिए कहा गया था, वो अपने क्लीनिक में भीड़ जुटाकर बच्चों का इलाज कर रहे थे. फिलहाल प्रशासनिक टीम ने एहतियात के तौर पर डॉक्टर के क्लीनिक को बंद करवा दिया है.
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बता दें कि जांजगीर मे निजी शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. आरके प्रसाद अपना क्लीनिक चालाते हैं. उनकी बेटी कोटा में पढ़ाई करती थी. राज्य सरकार की पहल के बाद अन्य छात्रों के साथ उनकी बेटी को भी वापस लाया गया था. कुछ दिन डॉक्टरों की निगरानी में रखने के बाद मंगलवार देर रात उसे जांजगीर-चांपा भेज दिया गया. जब क्वॉरंटीन सेंटर से बच्चों को भेजा रहा था उस दौरान सभी पैरैंट्स को बुलाकर शपथ दिलाई गई थी और 14 दिन तक क्वॉरंटीन में रहने के लिए कहा गया था. लेकिन घर जाते ही डॉक्टर प्रसाद क्लीनिक खोल कर बैठ गये और बच्चों का इलाज करने लगे.
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एसडीएम मेनका प्रधान ने बताया कि डॉक्टर प्रसाद को समझाकर क्लीनिक बंद करवा दिया गया है. साथ ही उनसे क्लीनिक बंद करने को लेकर लिखित में पत्र भी ले लिया गया है. वहीं डॉक्टर प्रसाद ने बताया कि वो बेटी से अभी तक नहीं मिले हैं. यहां तक कि जब वो बेटी को लेने गए तो खुद दूसरे गाड़ी में वापस आए थे.