बदहाली की भेंट चढ़ा करोड़ों की लागत से बना हॉकी स्टेडियम, खिलाड़ियों की जगह जुआरियों-शराबियों का बना अड्डा
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बदहाली की भेंट चढ़ा करोड़ों की लागत से बना हॉकी स्टेडियम, खिलाड़ियों की जगह जुआरियों-शराबियों का बना अड्डा

पिछली राज्य सरकार ने हॉकी स्टेडियम बना कर खिलाडियों के मन में थोड़ी आस जगाई थी.लेकिन निर्माण के कुछ साल बाद रख रखाव और सुरक्षा के आभाव में यह स्टेडियम शराबियों और असमाजित तत्वों का अड्डा बन गया.

    बदहाली की भेंट चढ़ा करोड़ों की लागत से बना हॉकी स्टेडियम, खिलाड़ियों की जगह जुआरियों-शराबियों का बना अड्डा

सुशील कुमार बक्सला/सरगुजा: हॉकी भले ही देश का राष्ट्रीय खेल हो और इसे लेकर सरकार भले ही कितने दावे करे, लेकिन इसकी हकीकत कुछ और ही है. कुछ ऐसा ही सरगुजा में भी देखने को मिला है.जहां सालों की मांग के बाद हॉकी स्टेडिमय बना तो दिया गया, लेकिन स्टेडियम की हालत कुछ और ही बयां करती है. 

सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के पीजी कॉलेज कैंपस में कुछ साल पहले हॉकी स्टेडियम का निर्माण हुआ था. पिछली राज्य सरकार ने हॉकी स्टेडियम बना कर खिलाडियों के मन में थोड़ी आस जगाई थी.लेकिन निर्माण के कुछ साल बाद रख रखाव और सुरक्षा के आभाव में यह स्टेडियम शराबियों और असमाजित तत्वों का अड्डा बन गया. जिसके चलते से यहां खेल गतिविधियां लगातार बाधित होती रही है.

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गौरतलब है कि संभाग के आदिवासी बाहुल्य इलाके जशपुर और सरगुजा जिले में हॉकी के कई होनहार खिलाड़ी हैं.जिनमें से कुछ राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवा चुके हैं. ऐसे में आज के आधुनिक समय में खिलाड़ी सरकार से अंबिकापुर के इस हॉकी स्टेडिमय के लिए बेहतर कोच और एस्ट्रोटर्फ की मांग कर रहें हैं.

बता दें कि आज के आधुनिक युग में हॉकी की तमाम प्रतियोगिताएं मिट्टी के मैदान की जगह एस्ट्रोटर्फ में होती है.चाहें फिर वो राज्य स्तरीय प्रतियोगिता हो या फिर हॉकी का ट्रायल. लेकिन सरगुजा के इस इकलौते हॉकी स्टेडिमय में प्रतिभाओं को आज भी मिट्टी के मैदान में खेलना पड़ रहा है.जिसको लेकर पिछले कई वर्षों से हॉकी संघ के पदाधिकारी और सदस्य मैदान में एस्ट्रोटर्फ बिछाने के लिए सरकार से मांग करते आ रहे हैं. 

संघ के सचिव के मुताबिक निर्माण के समय से ही मैदान में कुछ खामियां हैं.जिसको सुधारने और एस्ट्रोटर्फ लगने के बाद ही सरगुजा में हॉकी खेल का भविष्य बेहतर हो सकता है. इधर कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि यह स्टेडियम नगर निगम द्वारा बनाकर दिया गया है.जिसकी देख-रेख की जिम्मेदारी हमारी है.साथ ही जो मैदान बनाया गया है.उसकी दिशा भी गलत है.जिसकी वजह से खिलाड़ियों को खेलने में भी परेशानी होती है.

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