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जबलपुर: यूपी के हाथरस कांड का जबलपुर कनेक्शन सामने आने के बाद सियासत तेज हो गई है. डॉ. बंसल के सामने आने के बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार से लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को आड़े हाथों लिया है. राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सीएम योगी आदित्यनाथ के कहने पर डॉ राजकुमारी बंसल को परेशान करने का आरोप लगाया.
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट कर लिखा ‘’मप्र सरकार से मेरा आग्रह है कि डॉ राजकुमारी बंसल को योगी आदित्यनाथ के कहने से या खुश करने के उद्देश्य से परेशान करना गलत होगा. समाज मे ऐसे बहुत से लोग हैं जो हाथरस जैसी घटना से इमोश्नली प्रभावित हो जाते हैं. शिवराज जी विक्टिम परिवार से मिलने जाना मानवता का भाव है अपराध नहीं.
मप्र सरकार को मेरा आग्रह :: Dr राज कुमारी बंसल को योगी आदित्य नाथ जी कहने से यह ख़ुश करने के उद्देश से परेशान करना ग़लत होगा। समाज में ऐसे बहुत लोग है जो हाथरस जैसी घटना से इमोशनली प्रभावित हो जाते है। @ChouhanShivraj विक्टिम परिवार से मिलने जाना मानवता का भाव है अपराध नहीं।
— Vivek Tankha (@VTankha) October 11, 2020
आपको बता दें कि यूपी के हाथरस कांड का जबलपुर कनेक्शन सामने आने के बाद अब प्रदेश की एसआईटी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज के फार्मोकोलाजी विभाग जांच के लिए जाएगी. इस चर्चा के बाद डॉ. बंसल खुद सामने आईं और उन्होंने अपना पक्ष रखा. मेडिकल के डीन डॉ. प्रदीप कसार का कहना है कि यदि यह कदाचरण का प्रकरण बनता है तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
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गौरतलब है कि यूपी के हाथरस कांड का जबलपुर कनेक्शन सामने आया है. यूपी पुलिस की एसआईटी ने खुलासा किया है कि हाथरस कांड की आड़ में यूपी में जातीय दंगा भड़काने की साजिश रची जा रही थी. इसमें नक्सलियों से संबंध रखने वाली जबलपुर की एक महिला पीड़ित परिवार के घर में मृतका की भाभी बनकर रही थी. पीड़ित परिवार के घर में 4 दिनों तक रही जिस महिला का नक्सली कनेक्शन बताया जा रहा है वो जबलपुर की रहने वाली डॉक्टर राजकुमारी बंसल है. हालांकि उन्होंने नक्सली कनेक्शन से साफ इनकार किया.
राजकुमारी बंसल जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. ज़ी मीडिया से ख़ास बातचीत में डॉक्टर बंसल ने स्वीकार किया कि वो हाथरस जाकर पीड़ित परिवार के घर में रही थीं, लेकिन ना तो वो उनकी रिश्तेदार हैं और ना ही उनका किसी भी तरह से कोई नक्सल कनेक्शन है.
4-7 अक्टूबर तक रहीं पीड़ित परिवार के साथ
डॉक्टर बंसल के मुताबिक वो बाकायदा छुट्टी लेकर 4 अक्टूबर से 7 अक्टूबर तक पीड़ित परिवार के घर में रही थीं. जहां उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद भी दी. इसके पीछे उनका मकसद अपने समाज के पीड़ित परिवार को संबल देना था. डॉक्टर राजकुमारी बंसल ने अपने संबंध नक्सलियों से होने का खंडन किया है.
जबलपुर तक पहुंची यूपी एसआईटी की जांच
आपको बता दें कि हाथरस कांड की चल रही जांच के बीच ये बातें सामने निकलकर आई थीं. महिला का कनेक्शन भीम आर्मी या किसी दूसरे संगठन से तो नहीं हैं? यहां तक भी जांच की जा रही है कि कहीं उसका कनेक्शन किसी नक्सली संगठन से तो नहीं था? एसआईटी की टीम अब जबलपुर में महिला के इस कनेक्शन की भी जांच कर रही है.
सीसीटीवी लगे तो गायब हो गईं
कोई भी राजनीतिक या सामाजिक डेलिगेशन आए, ये महिला परिवार के साथ मौजूद रही थी. डेलिगेशन में शामिल लोगों से बात करती थीं. लेकिन जैसे ही प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरे लगवाए और पीड़िता के घर में रह रहे लोगों से परिवार के रिश्तों को लिस्ट में दर्ज किया, वैसे ही डॉक्टर राजकुमारी बंसल वहां से गायब हो गईं, जिसके बाद सवाल खडे़ हो रहे थे कि आखिर "वो कौन थीं"?
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