हैरानीः लॉकडाउन में बिगड़े घर के आर्थिक हालात, पैसे कमाने गुजरात पहुंच गए 3 छोटे-छोटे बच्चे!
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हैरानीः लॉकडाउन में बिगड़े घर के आर्थिक हालात, पैसे कमाने गुजरात पहुंच गए 3 छोटे-छोटे बच्चे!

इन बच्चों ने ढोढर से बस पकड़ी और रतलाम पहुंचे. यहां से ये बच्चे ट्रेन पकड़कर गुजरात पहुंच गए.

हैरानीः लॉकडाउन में बिगड़े घर के आर्थिक हालात, पैसे कमाने गुजरात पहुंच गए 3 छोटे-छोटे बच्चे!

रतलाम/चंद्रशेखर सोलंकीः हालात अक्सर बच्चों से उनका बचपन छीन लेते हैं. ऐसा ही एक हैरान करने वाला मामला रतलाम से सामने आया है. जहां 8-13 साल के तीन छोटे बच्चे परिजनों को पाई-पाई के लिए मोहताज होता देख खुद ही पैसे कमाने के लिए गुजरात पहुंच गए. बता दें कि बच्चे बिना बताए अपने घर से निकले थे. ऐसे में घरवालों ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. अब पुलिस ने बच्चों को बरामद कर सकुशल उनके परिजनों को सौंप दिया है, जिससे परिजनों ने राहत की सांस ली है. 

घर की आर्थिक हालत बिगड़ने का बच्चों पर पड़ा असर
मामला रतलाम के ढोढर इलाके का है. दरअसल लॉकडाउन के चलते यहां रहने वाला एक मजदूर परिवार मजदूरी के लिए गुजरात नहीं जा सका, जिससे उसकी आर्थिक हालत बिगड़ गई. घर के बिगड़े हालात ने बच्चों के मन पर गहरा असर डाला. चूंकि यह परिवार पहले भी मजदूरी के लिए गुजरात जा चुका था और ये बच्चे भी अपने माता-पिता के साथ ही गए थे. घर में पैसों की किल्लत ने बच्चों के मन पर ऐसा असर डाला कि उन्होंने खुद ही पैसे कमाने के लिए गुजरात जाने का फैसला कर लिया. हैरानी की बात ये है कि इन बच्चों की उम्र महज 8-13 साल है और ये आपस में भाई-बहन हैं. 

इसके बाद इन बच्चों ने ढोढर से बस पकड़ी और रतलाम पहुंचे. यहां से ये बच्चे ट्रेन पकड़कर गुजरात पहुंच गए. गौरतलब है कि गुजरात जाने की बात इन बच्चों ने अपने माता-पिता से भी नहीं बताई. जिसके चलते जब बच्चे नहीं मिले तो परिजनों को लगा कि या तो उनका किसी ने अपहरण कर लिया है या फिर वह गुम हो गए हैं. इसके बाद परिजनों ने ढोढर पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की.

इस तरह मिले बच्चे
दरअसल गुजरात पहुंचने के बाद ये बच्चे उसी जगह पहुंचे, जहां उनके माता-पिता पहले मजदूरी कर चुके थे. चूंकि बच्चे भी वहां रह चुके थे, इसलिए परिचितों ने उन्हें पहचान लिया और उन्हें अकेले देखकर रतलाम पुलिस को सूचना दे दी. जिसके बाद रतलाम पुलिस ने गुजरात जाकर बच्चों को सकुशल बरामद कर लिया. जिसके बाद परिजनों ने राहत की सांस ली है. वहीं इस पूरे मामले में अच्छी बात ये रही कि अकेले सफर के दौरान बच्चों पर किसी आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति की नजर नहीं पड़ी, वरना बड़ी घटना हो सकती थी. 

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