छत्तीसगढ़ में 'रोका-छेका' अभियान की हुई शुरुआत, किसानों को होगा फायदा
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh699050

छत्तीसगढ़ में 'रोका-छेका' अभियान की हुई शुरुआत, किसानों को होगा फायदा

छत्तीसगढ़ में ऐसी मान्यता है कि इस परंपरा के तहत एक ओर जहां किसानों के फसल को नुकसान होने से बचाया जाता है, वहीं मवेशी भी सुरक्षित रहते हैं और दुर्घटना की आशंका भी कम हो जाती है.

सांकेतिक तस्वीर

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य मवेशियों को नियंत्रण में रखने पुरानी परंपरा 'रोका-छेका' को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया है. इस परपंरा में अहम भूमिका कोटवार, पटेल, सरपंच और यादवों की रहती है. इस दौरान ये लोग आपस में बैठकर खेतों में मवेशियों के रोकने की चर्चा करते हैं. गांव के किसान गांव के प्रत्येक घर के हल के हिसाब से मवेशी का आकलन करते थे और खेतों में मवेशियों के जाने पर जुर्माना लगाते हैं. इस बार इस योजना के तहत शहरों को भी जोड़ा गया है.

छत्तीसगढ़ में ऐसी मान्यता है कि इस परंपरा के तहत एक ओर जहां किसानों के फसल को नुकसान होने से बचाया जाता है, वहीं मवेशी भी सुरक्षित रहते हैं और दुर्घटना की आशंका भी कम हो जाती है. इस परंपरा के लागू होने पर विधायक शैलेश पाण्डेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के हितों में सतत कार्य कर रही है. किसान कर्ज माफी से लेकर धान का समर्थन मूल्य भी किसानों को दिया जा रहा है.

सिपाही ने अपनी ही रायफल से पत्नी को उतारा मौत के घाट, फिर खुद को मार ली गोली

विधायक ने कहा कि इसी तरह नरुआ, गरुआ, घुरुआ अउ बारी योजना के साथ रोका-छेका परंपरा के अनुसार कार्य किया जा रहा है. इससे आवारा मवेशियों के सड़क पर विचरण करने से जो दुर्घटना की आशंका रहती है. उन्होंने कहा कि इस अभियान से खेतों में फसल भी सुरक्षित रहेगी.

इस दौरान विधायक ने मवेशियों को गोठान में लाने के बाद उनके चारा पानी की व्यवस्था के साथ गोबर और कम्पोस्टिंग खाद बनाने की योजना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि रोका-छेका अभियान 19 से 30 जून तक चलेगा. इसके लिए निगम के सभी वार्डों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है.

MP: इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

उन्होंने कहा कि यह गांव की परंपरा है, जिसमें अब शहरी क्षेत्र को भी जोड़ा गया है. शहर की सड़कों पर घूमने वाले आवारा जानवरों को नरुआ, गरुआ, घुरुआ अउ बारी योजना के साथ गोठान बनाने का निर्णय लिया गया है. जहां पर इन मवेशियों को रख कर चारा, पानी के साथ इलाज की व्यवस्था की गई है.

Watch Live TV-

Trending news