प्रदेश सरकार का मानना है कि इस साल 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जाएगी. अब तक कुल 4.13 लाख किसान पंजीयन करा चुके हैं, जबकि 20 फरवरी तक 20 लाख किसानों के पंजीयन का अनुमान है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन संभाग में 15 मार्च से MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गेहूं की खरीदी की जाएगी, जबकि दूसरे संभागों के किसानों को 1 अप्रैल तक का इंतजार करना पडे़गा. फसल के उपार्जन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की अंतिम तारीख 20 फरवरी तय की गई है. इस बार सरकार ने गेहूं की फसल का समर्थन मूल्य 1950 प्रति क्विंटल तय किया है.
20 फरवरी तक करा सकते हैं रिजस्ट्रेशन
प्रदेश सरकार का मानना है कि इस साल 125 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जाएगी. अब तक कुल 4.13 लाख किसान पंजीयन करा चुके हैं, जबकि 20 फरवरी तक 20 लाख किसानों के पंजीयन का अनुमान है. पिछले साल की बात करें तो 15.81 लाख किसानों से 129 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीदी की गई थी.
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15 मई तक होगी इन फसलों की खरीदी
गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंत्रालय में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है. इस बैठक में रबी उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा की गई. इस दौरान तय किया गया है कि चना, मसूर एवं सरसों का उपार्जन 15 मार्च से शुरू होगा, जो 15 मई तक चलेगा.
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चना, सरसों और मसूर का समर्थन मूल्य
प्रदेश सरकार ने इस साल चना का समर्थन मूल्य 5100, सरसों का 4650 और मसूर का 5100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है. इस बार भी स्व-सहायता समूहों और कृषि उत्पादक समूहों को उपार्जन कार्य दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार इस बार चने का उपार्जन 14.51 लाख टन, मसूर का 1.37 लाख टन, जबकि सरसों का 3.90 लाख टन अनुमानित है. इन फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए कुल 4,529 केंद्र बनाए जा रहे हैं.
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सीएम शिवराज ने दिए ये निर्देश
शिवराज सिंह चौहान ने सख्त निर्देश दिए हैं कि गेहूं उपार्जन कार्य में किसानों को उपार्जन केंद्रों पर सभी जरूरी सुविधाएं दी जाएं. समय पर फसल का उपार्जन हो और भुगतान किया जाए. किसी भी किसान का भुगतान न रोका जाए. खरीदी गई फसल के परिवहन की व्यवस्था भी तुरंत की जाए.
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