इस मामले को लेकर शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि केसरिया रंग मान-सम्मान का प्रतीक है. कांग्रेसियों ने केसरिया से दूरी बना ली, इसलिए उनकी यह हालत हो गई है. कांग्रेसियों को केसरिया का सम्मान करना चाहिए.
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भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में किसी अज्ञात व्यक्ति ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर आरएसएस का भगवा झंडा लगा दिया. जब कांग्रेस नेता सोमवार को पार्टी कार्यालय से बाहर निकले तो भगवा झंडा लहराते देखा. इसे लेकर कांग्रेस को किसी साजिश की आशंका लग रही है और उसने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है. पूर्व मेयर दीपचंद यादव ने कहा कि शायद किसी की मंशा मंदसौर की तरह भावनाएं भड़काने की रही होगी. मगर हम तो सारे रंग स्वीकार करने वाले लोग हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने कहा कि पीसीसी दफ्तर के बाहर आरएसएस का झंडा लगाना उनकी मंशा को अपने आप जाहिर करता है.
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वहीं इस मामले को लेकर शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि केसरिया रंग मान-सम्मान का प्रतीक है. कांग्रेसियों ने केसरिया से दूरी बना ली, इसलिए उनकी यह हालत हो गई है. कांग्रेसियों को केसरिया का सम्मान करना चाहिए. इसके जवाब में कांग्रेस नेता राकेश मिश्रा कहा कि उनकी पार्टी के झंडे में भी तीन रंग हैं, जिसमें केसरिया रंग सबसे ऊपर है. कांग्रेस पार्टी केसरिया का सम्मान करती है. यह रंग हिंदू धर्म का संवाहक भी है. इस तरीके से झंडों को मंदिर या धार्मिक स्थलों पर फहराना चाहिए न कि सार्वजनिक स्थानों पर.
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हालांकि कांग्रेस नेता राकेश मिश्रा ने यह भी कहा कि पीसीसी दफ्तर के बाहर सरकारी पोल पर केसरिया फहराना किसी साजिश का संकेत देता है. कांग्रेस पार्टी जिला प्रशासन से मांग करेगी कि सरकारी इमारतों, सड़कों या पोल पर इस तरीक से ध्वज फहराने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे. इससे पहले रविवार को मध्य प्रदेश विधानसभा के सत्र को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर जुबानी तीर चले थे.
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कांग्रेस नेता डॉ. गोविंद सिंह ने आरोप लगाया था कि विधानसभा कर्मचारियों को कोरोना होने का झूठ फैलाकर भाजपा ने सत्र स्थगित कराया, जिससे कि उसे मुद्दों का सामना न करना पड़े. इस पर विश्वास सारंग ने जवाब देते हुए कहा था कि विधानसभा सत्र स्थगित करने की पहल कांग्रेस की ओर से की गई थी. उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के नेताओं ने सत्र टालने पर ही सहमति दी थी.
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