ज्योतिरादित्य सिंधिया के काफिले में शामिल SI गिरकर हुआ घायल, महाराज ने चोट पर लगाया 'मरहम'
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ज्योतिरादित्य सिंधिया के काफिले में शामिल SI गिरकर हुआ घायल, महाराज ने चोट पर लगाया 'मरहम'

एसआई के सिर से खून बह रहा था, सिंधिया ने पुलिसकर्मी की चोट पर अपना रुमाल लगाया. पानी पिलाया और हाल-चाल पूछा.

घायल पुलिसवाले के सिर से खून पोंछते ज्योतिरादित्य सिंधिया.

भोपाल: राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार सुबह भोपाल पहुंचे. स्टेट हैंगर से सिंधिया का काफिला​ निकलकर कुछ दूर चला ही था कि ड्यूटी में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर गिरकर घायल हो गए. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चोटिल एसआई को देख अपना काफिला रुकवाया और तुरंत हालचाल जानने पहुंचे. एसआई के सिर से खून बह रहा था, सिंधिया ने पुलिसकर्मी की चोट पर अपना रुमाल लगाया. पानी पिलाया और हाल-चाल पूछा.

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एसआई की स्थिति सामान्य होने पर ही काफिला आगे बढ़ाया. गिरने से पुलिसकर्मी के सिर और हाथ में चोट आई. सिंधिया ने पुलिसकर्मी का नाम पूछा और कहा कि अब आराम से जाओ. उन्होंने यह भी कहा कि आप बहुत मजबूत आदमी हैं. इसके पहले स्टेट हैंगर पर मंत्री तुलसीराम सिलावट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्वागत किया. स्मार्ट रोड पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया वृक्षारोपण में सम्मिलित हुए. इस अवसर पर मंत्री तुलसीराम सिलावट, स्वास्थ मंत्री प्रभुराम चौधरी भी उपस्थित रहे.

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आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार गिरने की पहली सालगिरह पर सिंधिया भोपाल पहुंचे हैं. वह इस मौके पर शिवराज सिंह चौहान और मंत्रियों के साथ सीएम हाउस में लंच का प्रोग्राम है. मंत्रियों में तुलसी सिलावट, महेंद्र सिंह सिसोदिया और गोविंद सिंह राजपूत का नाम शामिल है. साथ ही भाजपा के चुनिंदा नेता भी लंच टाइम में मौजूद रहेंगे. सिंधिया अपने सरकारी बंगले में भी जाएंगे. आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार में सिंधिया को भोपाल में बंगला आवंटित नहीं हुआ था. 

आज ही के दिन कमलनाथ को देना पड़ा था CM पद से इस्तीफा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते साल 20 मार्च को ही कमलनाथ को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत कर दी थी. उनके साथ 22 कांग्रेसी विधायकों ने भी विधायकी से इस्तीफा देकर BJP का दामन थाम लिया था.

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इस कारण कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी. कमलनाथ के पास इस्तीफा देने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था. 15 साल बाद मध्य प्रदेश की सत्ता में आई कांग्रेस पार्टी की सरकार 15 महीने में गिर गई. शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च 2020 को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिया.

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