बंगाल के 23 जिलों में जीत दर्ज करने के लिए भाजपा ने पहले 5 केंद्रीय पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया था, अब अब इस सूची में 7 नाम और जुड़ गए हैं. इनमें मध्य प्रदेश के 2 और भाजपा नेताओं को शामिल किया गया है. कैलाश विजयवर्गीय पहले से ही राज्य में भाजपा के चुनाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं.
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भोपालः अगले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत का परचम लहराने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बंगाल के 23 जिलों में जीत दर्ज करने के लिए भाजपा ने पहले 5 केंद्रीय पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया था, अब अब इस सूची में 7 नाम और जुड़ गए हैं. इनमें मध्य प्रदेश के 2 और भाजपा नेताओं को शामिल किया गया है. केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को भाजपा ने पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया है. कैलाश विजयवर्गीय पहले से ही राज्य में भाजपा के चुनाव अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए BJP ने बनाए हैं 12 केंद्रीय पर्यवेक्षक
भाजपा ने पंश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए जिन 7 नए केंद्रीय पर्यवेक्षकों को चुना है उनमें मध्य प्रदेश से डॉ. नरोत्तम मिश्रा और प्रहलाद सिंह पटेल के अलावा राजस्थान से गजेंद्र सिंह शेखावत, झारखंड से अर्जुन मुंडा, गुजरात से मनसुख मंडाविया, उत्तर प्रदेश से डॉ. संजीव बाल्यान और केशव प्रसाद मौर्या शामिल हैं. सुनील देवधर, विनोद सोनकर, दुष्यंत गौतम, विनोद तावड़े, अमित मालवीय को पहले ही पार्टी ने पश्चिम बंगाल के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था.
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मिशन बंगाल के लिए मध्य प्रदेश के नेताओं को चुनने की वजह
डॉ. नरोत्तम मिश्रा
एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की भाजपा के 'मिशन बंगाल' टीम में तैनाती के पीछे खास वजह है. माना जा रहा है कि डॉ. नरोत्तम मिश्रा को पार्टी ने मध्य प्रदेश में हुए उपचुनाव में जो जिम्मेदारी दी थी उसे उन्होंने जोरदार तरीके से निभाया है. उनके इसी प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा ने उन्हें पश्चिम बंगाल में लगाया है. केंद्रीय नेतृत्व उनके कार्य से संतुष्ट नजर आ रहा है, शायद इसीलिए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है.
प्रहलाद सिंह पटेल
जहां तक केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का सवाल है तो उन्हें मध्य प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए काम करने का अनुभव रहा है. उन्हें मणिपुर का प्रभारी बनाकर भेजा गया था और वहां के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार जीत दर्ज की थी. उनके पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें पश्चिम बंगाल में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है.
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कैलाश विजयवर्गीय
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय तो बंगाल में भाजपा के चुनाव अभियान की अगुवाई शुरू से कर रहे हैं. उनके ही नेतृत्व में भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 42 में 18 सीटों पर कब्जा किया था. पार्टी को मिलने वाले वोटों का प्रतिशत 40% से ज्यादा रहा था. इलेक्शन कैम्पेन लीडर के रूप में विजयवर्गीय के इस शानदार प्रदर्शन को देखते हुए भाजपा ने एक बार फिर उन्हें ही बंगाल फतह की जिम्मेदारी सौंपी है.
पर्यवेक्षकों के कंधों पर है भाजपा के 'फार्मूला 23' को पूरा करने की जिम्मेदारी
भाजपा ने पश्चिम बंगाल में कुल 294 सीटों में कम से कम 200 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा है. इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने 'फार्मूला 23' बनाया है. इसके तहत हर जिले पर फोकस करने के लिए अलग-अलग नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. पहले 23 जिलों के लिए 5 केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाए गए थे.
अब राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 7 और केंद्रीय पर्यवेक्षकों को बंगाल भेजा है. इन सभी 12 केंद्रीय पर्यवेक्षक पश्चिम बंगाल में पार्टी संगठन को मजबूत बनाने के साथ-साथ चुनाव संबंधी तैयारियों का आकलन करेंगे. ऑन ग्राउंड फीडबैक इकट्ठा करने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों में कैंप करेंगे. गृह संपर्क अभियान चलाएंगे. केंद्र की जनहितकारी योजनाओं के बारे में लोगों को बताएंगे. सभी की रिपोर्टिंग राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को होगी.
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