मध्य प्रदेश में साल में दो दिन ऐसे होते हैं जब आला पुलिस अधिकारी एक कांस्टेबल को सैल्यूट करते हैं. ये दो दिन हैं गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस.
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भोपाल: क्या आपने कभी ऐसा देखा या सुना है कि डीजीपी और पुलिस अधिकारी एक कांस्टेबल को सैल्यूट करें? आपको यह प्रश्न अटपटा जरूर लग सकता है लेकिन मध्य प्रदेश में साल में दो दिन ऐसे होते हैं जब आला पुलिस अधिकारी एक कांस्टेबल को सैल्यूट करते हैं. ये दो दिन हैं गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस. दरअसल, इन दोनों ही राष्ट्रीय पर्व के मौके पर मध्य प्रदेश पुलिस के जवान जब परेड के लिए फुल ड्रेस रिहर्सल करते हैं तो उनके साथ पूरा प्रशासनिक अमला कांस्टेबल रामचंद्र सिंह कुशवाहा को सैल्यूट करता है.
इसके पीछे वजह यह है कि परेड रिहर्सल के दौरान कांस्टेबल रामचंद्र राज्यपाल और मुख्यमंत्री की भूमिका में होते हैं. पुलिस जवान और आला अधिकारी पूरे प्रोटोकॉल के साथ उन्हें राज्यपाल और मुख्यमंत्री की तरह ही ट्रीट करते हैं. इस तरह रामचंद्र कुशवाहा हर साल कुछ घंटों के लिए मुख्यमंत्री और राज्यपाल बनते हैं. इस सिलसिले को जारी रखते हुए गणतंत्र दिवस समारोह में निकलने वाली संयुक्त परेड का आखिरी अभ्यास रविवार को भोपाल के लाल परेड मैदान में किया गया. मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने परेड एवं समारोह की व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
इस बार भी परेड रिहर्सल के दौरान आला अधिकारियों ने किया रामचंद्र को सैल्यूट
गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदेश के राज्य स्तरीय समारोह में परेड की सलामी इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा लेंगे. रविवार को परेड रिहर्सल के दौरान 7 वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल रामचन्द्र कुशवाह प्रोटेम स्पीकर के किरदार में थे. उन्होंने प्रतीक स्वरूप मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई और ध्वजारोहण कर संयुक्त परेड की सलामी ली. इसके बाद खुली जीप में सवार होकर परेड का निरीक्षण किया. इस दौरान मध्य प्रदेश के डीजीपी समेत आला पुलिस अधिकारियों ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में कांस्टेबल रामचंद्र कुशवाहा को सैल्यूट किया.
हर्ष फायर के बीच पुलिस बैंड ने उपनिरीक्षक सुनील कटारे के निर्देशन में ''जन गण मन'' की धुन बजाई. मुख्य अतिथि के संदेश का प्रतीक स्वरूप वाचन भी किया गया. पुलिस बैंड की मधुर धुन के बीच आर्कषक संयुक्त परेड निकली. परेड का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 2018 बैच के अधिकारी एवं एसडीओपी सिहोरा, जबलपुर श्रुतिकीति सोमवंशी ने किया. परेड टू-आई सी का दायित्व सहायक सेनानी, 6 वीं वाहिनी जबलपुर यश बिजौरिया ने निभाया. संयुक्त रिहर्सल परेड में अश्वरोही दल व श्वान दस्ता समेत 11 टुकड़ियां शामिल थीं.
बीते 16 वर्षों से राज्यपाल और सीएम की भूमिका निभाते आ रहे हैं कांस्टेबल रामचंद्र
हेड कांस्टेबल रामचन्द्र पिछले 16 वर्षों से स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्रता दिवस के मौके पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री का डमी किरदार निभाते आ रहे हैं. उनके सामने अब तक न जाने कितने डीजीपी बदल गए पर रामचन्द्र इन किरदारों को निभाते आ रहे हैं. इस तरह साल में दो दिन उन्हें कांस्टेबल होने बाद भी मध्य प्रदेश पुलिस मुखिया से लेकर आला अधिकारी सलाम करते हैं. इतना ही नहीं रामचन्द्र डायस पर जाकर राज्यपाल की तरह जन समूह को निहारते हैं. हालांकि भाषण रिकॉर्डेड होता है. कुछ घंटों के लिए ही सही लेकिन साल में दो दिन रामचंद्र सिंह कुशवाहा को राज्यपाल और मुख्यमंत्री की तरह का ट्रीटमेंट मिलता है. इस बार वह पहली बार प्रोटेम स्पीकर की भूमिका में रहे.
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