29 जुन 2018 को बाघ पुनर्वास योजना के तहत ओडिशा के सत्कोशिया टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए महावीर और सुंदरी को भेजा गया था. लेकिन वहां महावीर की मौत हो गई.
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भोपाल: आखिरकार सुंदरी की घर वापसी हो ही गई. 2018 में पुनर्वास योजना के तहत मध्य प्रदेश वन विभाग ने बाघ महावीर (Tiger Mahavir) के साथ बाघिन सुंदरी (Tigress Sundari) को ओडिशा वन विभाग को सौंपा था. अब तीन साल बाद सुंदरी अकेली ही MP आई है, उसके साथी महावीर की ओडिशा में ही मौत हो गई. सुंदरी को इस वक्त मंडला के कान्हा नेशनल पार्क में रखा गया है.
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बंधक बनाकर रखी गई थी सुंदरी
MP सरकार के आग्रह के बाद सुंदरी ओडिशा में कैद से छूटकर अपने गृह राज्य लौटी है. दरअसल, 29 जुन 2018 को बाघ पुनर्वास योजना के तहत ओडिशा के सत्कोसिया टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए महावीर और सुंदरी को भेजा गया था. लेकिन बाघ की मौत के बाद बाघिन का स्वभाव बदला और उसने गुस्से में दो लोगों पर हमला कर दिया. तब से ही उसे टाइगर रिजर्व में कैद कर दिया गया.
CM शिवराज ने ओडिशा के CM को लिखा मार्मिक पत्र
सुंदरी को कैद में रखने की बात मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पता चलते ही उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को बाघिन की वापसी का अनुरोध करते हुए मार्मिक पत्र लिखा. सीएम के अनुरोध के बाद कोर्ट द्वारा बाघिन को लौटाने के आदेश दिए गए. फिर सुंदरी के वापस लौटने की प्रक्रिया शुरू हुई और बुधवार रात को वह कान्हा टाइगर रिजर्व पहुंच गई.
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व्यवहार में परिवर्तन के बाद ही छोड़ेंगे जंगल में
MP वाइल्ड लाइफ के चीफ जेएस चौहान ने बताया कि बाघिन को इस वक्त कान्हा पार्क के ही खुले बाड़े में रखा है. उसके व्यवहार और बर्ताव की देखरेख होगी. अगर उसका स्वभाव बदलकर सामान्य होता है तभी उसे खुले जंगलों में छोड़ा जाएगा. फिलहाल उसे कान्हा पार्क के ही मुक्की जोन स्थित घोरेला बाड़े में छोड़ कर ट्रेनिंग दी जाएगी.
सही देखरेख नहीं मिलने की वजह से हुई थी महावीर की मौत
2018 में महावीर और सुंदरी को एक साथ ओडिशा भेजा गया था. लेकिन सत्कोसिया टाइगर रिजर्व एरिया में बाघों की देखरेख ठीक से नहीं हो रही थी. उसी के चलते बाघ महावीर की मौत हो गई और कुनबा बढ़ाने के उद्देश्य से भेजी गई सुंदरी अकेली ही रह गई. अब मध्य प्रदेश वन विभाग के प्रयासों के बाद सुंदरी ने फिर जंगल की खुली हवा महसूस की.
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