पतंगबाजों के लिए ग्वालियर व्यापार मेले में 14 जनवरी को काइट फेस्टिवल सबसे बड़ा आयोजन होगा.
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ग्वालियर: ग्वालियर में मकर संक्रांति के मौके पर पतंग उड़ाने की परंपरा है, जिसके चलते ग्वालियर व्यापार मेले में 14 जनवरी को काईट फेस्टीवल का आयोजन किया जाएगा. मकर सक्रांति और काइट फेस्टिवल के मद्देनजर शहर में पतंग की दुकाने सज गई हैं. उधर युवाओं ने चाइनीस मांजे का इस्तेमाल ना करने का संकल्प लिया जिसके चलते इस बार चाइनीस मांजा नहीं दिख रहा है.
ग्वालियर चंबल अंचल में भी मकर सक्रांति के मौके पर पतंगबाजी करने की परंपरा है. पतंग प्रेमी भी इसका साल भर इंतजार करते हैं. पतंगबाजों के लिए ग्वालियर व्यापार मेले में 14 जनवरी को काइट फेस्टिवल सबसे बड़ा आयोजन होगा. काईट फेस्टीवल में हुनरबाज और युवा पतंगबाजी में हाथ आजमाने आएंगे. यही वजह है कि मकर सक्रांति और काईट फेस्टिवल के चलते ग्वालियर शहर में पतंग की दुकान पर कई वैरायटी वाली पतंगों की बहार है. दुकानदार का कहना है कि इस बार तिरंगा पतंगे ग्राहकों की पहली पसंद बनी हुई है. वहीं चांद-तारा पतंग की भी खास डिमांड है. उधर बच्चे मेटल पन्नी वाली फैंसी पतंगों के साथ ही कार्टून वाली पतंगे पसंद कर रहे हैं.
बच्चों में पतंग उत्सव को लेकर उत्साह
मकर संक्रांति पर बच्चे पतंगबाजी करने के लिए पतंगों की खरीदारी करने निकल पड़े हैं, शहर के बच्चे इस बार तिरंगे के साथ ही कार्टून पतंगे खरीद रहे हैं. बच्चों में डोरेमोन, स्पाइडरमैन, छोटा भीम सहित अन्य कार्टून वाली पतंगों की खास डिमांड है. बच्चों में इस बार पतंगबाजी और मकर सक्रांति को लेकर खासा उत्साह है.
युवा कर रहे है चायनीज मंजे के उपयोग न करने की अपील
हर साल की तरह इस बार भी चायनीज मांजा बाजार में है, लेकिन पंतगबाजी वालों की पहली पसंद देसी धागे वाले मांजे हैं. काईट फेस्टीवल की तैयारी कर रहे युवाओं ने इस बार चायनीज मांजे का इस्तेमाल न करने की शपथ ली है. युवाओं का कहना है कि चायनीज मांजे से पक्षियों के साथ ही बच्चों और खुद उनको हाथों या शरीर नें चोंट आने का खतरा रहता है. लिहाजा इस बार काईट फेस्टीवल और मकर संक्रांति पर देशी मांजे के साथ पतंगबाजी होगी. उधर दुकानदार भी कहते है कि इस बार चायनीज़ मांजे की डिमांड न के बराबर है.