चिकित्सा अधिकारी डॉ मिथिलेश चौधरी ने कहा कि मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं शरीर में सेचुरेशन कम होने की वजह से हुई थी.
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राजनांदगांवः ऑक्सीजन की कमी के चलते राजनांदगांव के डोंगरगांव में 4 मरीजों की मौत हो गई. 3 मरीजों ने कोविड केयर सेंटर में दम तोड़ा, वहीं चौथे मरीज की मौत कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में हुई. हैरत की बात तो ये कि मरीजों के शवों के साथ मरने के बाद भी न्याय नहीं किया गया. चारों मृतकों को एम्बुलेंस की जगह कचरा गाड़ी में श्मशान घाट तक ले जाया गया.
नगर पंचायत की गाड़ी में मुक्ति धाम पहुंचे शव
मामला छत्तीसगढ़ से सामने आया, यहां डोंगरगांव स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार को कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन की कमी के चलते दो सगी बहनों की मौत हो गई. उनके साथ ही दो अन्य मरीजों ने भी कोरोना संक्रमण से दम तोड़ दिया. अस्पताल में शव वाहन मौजूद नहीं होने के चलते चारों के शवों को नगर पंचायत के कर्मचारी कचरा गाड़ी में ही श्मशान तक ले गए.
रिपोर्ट निगेटिव आने पर आइसोलेट हुए बीएमओ
डोंगरगांव स्वास्थ्य केंद्र में ही पदस्थ बीएमओ फिलहाल कोविड रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद होम आइसोलेशन में हैं. वहीं राजनांदगांव जिला मुख्य स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी डॉ मिथिलेश चौधरी से मरीजों की मौत पर सवाल किए गए. इस पर उन्होंने कहा कि मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं शरीर में सेचुरेशन कम होने की वजह से हुई थी.
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी बचते दिखे जिम्मेदारी से
कचरा गाड़ी में मरीजों के शव ले जाने पर स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि ये व्यवस्था स्थानीय नगर पंचायत की है. उन्हीं पर कोविड से मृत मरीजों को मुक्तिधाम ले जाने की जिम्मेदारी है. अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से साफ तौर पल्ला झाड़ते नजर आए. मृतकों के लिए शव वाहन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी हॉस्पिटल प्रशासन की थी. एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं होने के चलते ही नगर पालिका के कर्मचारी मजबूरी में शवों को कचरा गाड़ी से श्मशान तक ले गए.
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